स्वदेशी जागरण मंच ने उपभोक्ता संरक्षण ई कामर्स नियमों में बदलाव का सुझाव दिया | Swadeshi Jagran Manch suggests changes in consumer protection e-commerce rules

स्वदेशी जागरण मंच ने उपभोक्ता संरक्षण ई कामर्स नियमों में बदलाव का सुझाव दिया

स्वदेशी जागरण मंच ने उपभोक्ता संरक्षण ई कामर्स नियमों में बदलाव का सुझाव दिया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : July 21, 2021/11:32 am IST

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने प्रस्तावित उपभोक्ता संरक्षण ई कामर्स नियमों में विभिन्न संशोधनों का सुझाव देते हुए बुधवार को कहा कि सरकार को ई कामर्स कंपनियों से जुड़े कारोबारियों और सेवा प्रदाताओं के संरक्षण का भी प्रावधान करना चाहिए।

उपभोक्ता मामलों के विभाग को भेजे सुझाव में स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि ऐसी आम धारना है कि ये नियम ई कामर्स से जुड़े सभी पक्षों पर लागू होते हैं जो सही नहीं है ।

ऐसा इसलिये है क्योंकि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कारोबारियों एवं सेवा प्रदाताओं पर लागू नहीं होते हैं ।

मंच ने कहा, ‘‘ इसलिये यह सुझाव दिया जाता है कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को इस विषय पर स्वष्टीकरण के माध्यम से स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए । उद्योग एवं आंतरिक

कारोबार प्रोत्साहन विभाग (डीपीआईआईटी) को कारोबारियों एवं सेवा प्रदाताओं के संरक्षण के लिये उपयुक्त नियम बनाना चाहिए जो वाणिज्यिक उद्देश्य के लिये ई कामर्स के जरिये सेवा प्राप्त करते हैं । ’’

स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि काफी संख्या में कारोबारियों एवं सेवा प्रदाताओं को कानून के तहत संरक्षण नहीं मिलता है जिसका कारण ई कामर्स कानूनों के अपर्याप्त प्रावधान हैं।

मंच ने कहा कि अमेजान, फ्लिपकाट-वालमार्ट, उबर एवं ओला आदि पर ड्राइवर एवं काफी संख्या में अन्य कामगारों को ई कामर्स कंपनियों से पारेशानियों का सामना करना पड़ता है

और दोहन के खिलाफ संरक्षण नहीं मिलता है।

संगठन ने प्रस्तावित नियमों के तहत ई कामर्स इकाइयों के अनिवार्य पंजीकरण को स्वागत योग्य कदम बताया है ।

स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि उद्योग एवं आंतरिक कारोबार प्रोत्साहन विभाग (डीपीआईआईटी) को निगरानी तंत्र सृजित करना चाहिए । नियमों में जांच एवं अनुपालन के उद्देश्य से क्षमता निर्माण पर जोर देना चाहिए ।

संगठन ने कहा, ‘‘ उपभोक्ताओं के शिकायतों के निपटारे के लिये ई अदालतों का गठन किया जाना चाहिए । ’’

भाषा दीपक

दीपक नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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