National Youth Day 2025: ‘उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए’, स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को दिया था ये संदेश

National Youth Day 2025: 'उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए', स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को दिया था ये संदेश

National Youth Day 2025: ‘उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए’, स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को दिया था ये संदेश

National Youth Day 2024 | IBC24 File

Modified Date: January 12, 2025 / 10:21 am IST
Published Date: January 12, 2025 9:51 am IST

नई दिल्ली: National Youth Day 2025 विवेकानंद जयंती प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को मनाई जाती है। यह दिन भारतीय योगी, संत और महान विचारक स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। उन्होंने भारतीय समाज में जागरूकता और सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए, साथ ही भारतीय संस्कृति और योग का प्रचार-प्रसार भी किया।

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स्वामी विवेकानंद का जीवन: एक प्रेरणा स्रोत

National Youth Day 2025 स्वामी विवेकानंद का जीवन एक प्रेरणा स्रोत है, जो हमें जीवन के सही उद्देश्य, संघर्ष, और आत्मविश्वास की महत्ता को समझाता है। उनका योगदान न केवल भारतीय समाज में बल्कि पूरे विश्व में अमूल्य है। वे केवल एक महान संत ही नहीं थे, बल्कि एक प्रखर विचारक, योगी, और समाज सुधारक भी थे। उनका जीवन एक प्रेरणा है, जो यह बताता है कि कठिनाइयों का सामना करते हुए भी यदि सही दिशा में कार्य किया जाए, तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है।

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सांसारिक मोह-माया का त्याग और ज्ञान की खोज

स्वामी विवेकानंद का जीवन केवल सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए नहीं था, बल्कि वे ज्ञान और ईश्वर की खोज में समर्पित थे। उनका विश्वास था कि आत्मज्ञान और आत्मबल से ही मनुष्य अपने वास्तविक उद्देश्य को समझ सकता है। वे हमेशा कहते थे, “तुम्हारी आत्मा अनन्त और शाश्वत है, तुम भगवान के अंश हो।” उन्होंने संसार के भौतिक सुखों और मोह-माया को त्याग कर ध्यान और साधना के माध्यम से अपने जीवन को एक उच्च उद्देश्य के लिए समर्पित किया।

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स्वामी विवेकानंद का विचार और संदेश

स्वामी विवेकानंद का सबसे प्रसिद्ध विचार है, “उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।” यह उद्धरण आज भी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, क्योंकि वे हमें यह सिखाते हैं कि लक्ष्य की ओर निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। उनके विचारों का केन्द्र बिंदु था—आत्मविश्वास, कठोर परिश्रम, और सेवा की भावना। उन्होंने हमेशा यह बताया कि यदि व्यक्ति खुद पर विश्वास करता है, तो वह किसी भी कठिनाई का सामना कर सकता है।

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स्वामी विवेकानंद का शिकागो भाषण

स्वामी विवेकानंद का शिकागो विश्व धर्म महासभा (1893) में दिया गया भाषण आज भी एक ऐतिहासिक घटना के रूप में याद किया जाता है। इस मंच से उन्होंने विश्व को भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्व से परिचित कराया। उन्होंने यह कहा था, “आपका भारत महान है, यह भारत सार्वभौमिक भाईचारे का प्रतीक है।” इस भाषण ने न केवल भारतीय समाज को जागरूक किया, बल्कि सम्पूर्ण विश्व में भारतीय दर्शन और संस्कृति की महिमा को फैलाया।

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युवाओं के लिए प्रेरणा

स्वामी विवेकानंद के विचारों और कार्यों ने भारतीय समाज को जागरूक करने के साथ-साथ युवा पीढ़ी को दिशा दी। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे केवल आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनें, बल्कि समाज की सेवा में भी अपना योगदान दें। उनका मानना था कि “युवाओं में वह शक्ति है, जो देश की धारा को बदल सकती है।” उनके विचार आज भी युवाओं के लिए मार्गदर्शक हैं, जो उन्हें अपनी पूरी शक्ति और सामर्थ्य के साथ जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

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