तमिलनाडु विधानसभा ने सिद्ध विवि की स्थापना संबंधी विधेयक पर राज्यपाल की राय को खारिज किया

तमिलनाडु विधानसभा ने सिद्ध विवि की स्थापना संबंधी विधेयक पर राज्यपाल की राय को खारिज किया

तमिलनाडु विधानसभा ने सिद्ध विवि की स्थापना संबंधी विधेयक पर राज्यपाल की राय को खारिज किया
Modified Date: October 16, 2025 / 06:43 pm IST
Published Date: October 16, 2025 6:43 pm IST

चेन्नई, 16 अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर सिद्ध विश्वविद्यालय स्थापित करने संबंधी विधेयक पर राज्यपाल आर.एन. रवि की राय को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया और कहा कि केवल विधायकों को संशोधन का प्रस्ताव देने का अधिकार है और कानून बनाना विधानसभा का विशेषाधिकार है।

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रस्तावित तमिलनाडु सिद्ध चिकित्सा विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 का उल्लेख करते हुए कहा कि चूंकि यह वित्त विधेयक की श्रेणी में आता है, इसलिए विधानसभा द्वारा इस पर विचार करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 207 (3) के तहत राज्यपाल की सिफारिश प्राप्त की जाती है।

उन्होंने कहा कि जनता की राय जानने के बाद, स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार किए गए विधेयक के मसौदे को विधि विभाग द्वारा सत्यापित किया गया और स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम द्वारा इस पर विचार किया गया। बाद में उस मसौदा विधेयक की एक प्रति राज्यपाल रवि को भेजी गई। उन्होंने कहा कि हालांकि, राज्यपाल ने संविधान के तहत निर्धारित सामान्य प्रक्रिया का पालन किए बिना, मसौदा विधेयक के कुछ प्रावधानों के बारे में अपनी राय व्यक्त की।

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उन्होंने कहा कि इसके अलावा, राज्यपाल ने सदन को भेजे अपने संदेश में यह शर्त रखी कि विधानसभा में विधेयक पेश किए जाने के समय उनके विचारों को सदस्यों के संज्ञान में लाया जाना चाहिए।

स्टालिन ने कहा, ‘‘यह संविधान और हमारी विधानसभा के नियमों के विपरीत है। जब विधानसभा में किसी विधेयक पर बहस होती है, तो केवल जनता द्वारा चुने गए विधायकों को ही संशोधन प्रस्तावित करने, ऐसे संशोधनों को वापस लेने (यदि सरकार द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण विधायकों द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है) या मतदान कराने का अधिकार होता है।’’

राज्यपाल को विधानसभा में पारित होने से पहले किसी विधेयक पर राय व्यक्त करने का अधिकार नहीं दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए, यह विधानसभा राज्यपाल से प्राप्त संदेश में शामिल विचारों को स्वीकार नहीं कर सकती।

स्टालिन ने कहा, ‘‘कानून बनाना इस विधानसभा का विशेषाधिकार है। चूंकि राज्य की स्वायत्तता में विश्वास रखने वाला कोई भी विधायक राज्यपाल के संदेश (मसौदा विधेयक पर अपनी राय तक) को विधानसभा के रिकॉर्ड में दर्ज होने की बात स्वीकार नहीं करेगा, इसलिए मैं (मसौदा विधेयक पर) ऐसी राय को रिकॉर्ड में दर्ज नहीं करना चाहता।’’

स्टालिन ने राज्यपाल की राय को खारिज करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया और इसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया।

तमिलनाडु सिद्ध चिकित्सा विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 (16 अक्टूबर, 2025 को सदन में पेश) का उद्देश्य राज्य में सिद्ध, आयुर्वेद, यूनानी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी के लिए एक विश्वविद्यालय की स्थापना करना है।

विधेयक के अनुसार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होंगे।

भाषा देवेंद्र नरेश

नरेश


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