मदुरै (तमिलनाडु), सात दिसंबर (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को अधिकारियों को तूतीकोरिन में प्रसिद्ध तिरुचेंदूर भगवान मुरुगा मंदिर और उसके आसपास मंदिर की संपत्ति का व्यापक सर्वेक्षण करने तथा उसके ‘‘अतिक्रमण की प्रकृति’’ का पता लगाने के निर्देश दिये।
न्यायमूर्ति आर महादेवन और न्यायमूर्ति जे सत्य नारायण प्रसाद की पीठ ने कहा कि अगर कोई अतिक्रमण मिलता है, तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी। अदालत तिरुचेंदूर में अरुलमिगु सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर से संबंधित एक संपत्ति की कथित अवैध बिक्री के संबंध में याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
पीठ ने कहा ‘‘यह अदालत प्रतिवादी अधिकारियों को तिरुचेंदूर मंदिर और उसके आसपास मंदिर की संपत्ति का व्यापक सर्वेक्षण या ऑडिट करने और अतिक्रमण की प्रकृति का पता लगाने तथा कदम उठाने का निर्देश देती है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘यदि कोई अतिक्रमण पाया जाता है, तो संबंधित पक्षों को सुनवाई का उचित अवसर प्रदान करने के बाद कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।’’ अदालत ने कहा कि तमिलनाडु में मंदिर न केवल प्राचीन संस्कृति की पहचान का स्रोत हैं, बल्कि कला, विज्ञान और मूर्तिकला के क्षेत्र में ज्ञान और प्रतिभा के प्रमाण भी हैं तथा आध्यात्मिक गतिविधियों का स्थान भी हैं।’’
पीठ ने कहा कि धार्मिक संस्थानों, विशेष रूप से मंदिरों की संपत्तियों का ठीक से रख-रखाव किया जाना चाहिए ताकि उनकी बेहतरी के लिए खर्च को लेकर अधिक आय प्राप्त की जा सके।
भाषा आशीष संतोष
संतोष
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