अकबर के खिलाफ लगे कई आरोपों को दबाने के लिए बनाया गया निशाना, रमानी ने अदालत से कहा

अकबर के खिलाफ लगे कई आरोपों को दबाने के लिए बनाया गया निशाना, रमानी ने अदालत से कहा

अकबर के खिलाफ लगे कई आरोपों को दबाने के लिए बनाया गया निशाना, रमानी ने अदालत से कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:36 pm IST
Published Date: September 14, 2020 1:20 pm IST

नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) पत्रकार प्रिया रमानी ने दिल्ली की एक अदालत को सोमवार को बताया कि 2018 में ‘मी टू’ मुहिम के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर ने ‘‘अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न के ढेर सारे मामलों को रोकने के लिए’’ आपराधिक मानहानि की शिकायत के जरिए उन्हें ‘‘चुनिंदा तरीके से निशाना’’ बनाया ।

अकबर द्वारा रमानी के खिलाफ दायर शिकायत में अंतिम सुनवाई के दौरान रमानी ने अपने वकील के जरिए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा के सामने यह दलील दी।

‘मी टू’ मुहिम के दौरान रमानी ने 2018 में अकबर पर करीब 20 साल पहले यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जब वह पत्रकार थे।

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अकबर ने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था ।

रमानी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने सोमवार को अदालत को बताया कि ‘मी टू’ मुहिम के दौरान 14 से ज्यादा महिलाओं ने अकबर पर आरोप लगाए लेकिन उन्होंने केवल रमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी ।

जॉन ने कहा, ‘‘प्रिया रमानी को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाया गया…या तो हर किसी का आलेख और ट्वीट मानहानिकारक है या किसी का भी नहीं है। या फिर अन्य आरोपों को स्वीकार कर लिया गया।’’

जॉन ने अकबर के बयान को पढा कि वह शिकायत दाखिल करने के समय अपने खिलाफ लगाए गए अन्य आरोपों से अवगत थे।

उन्होंने अदालत से कहा, ‘‘उन्होंने प्रिया रमानी को निशाना बनाया । आज तक उनके अलावा और कोई शिकायत नहीं है। उस समय अपने खिलाफ लगाए गए कई आरोपों को दबाने के लिए उन्होंने चुनिंदा तरीके से रमानी को निशाना बनाया ।’’

जॉन ने कहा कि अकबर की गवाही के विपरीत, ‘‘शिकायतकर्ता (अकबर) चाहते हैं कि हम विश्वास कर लें कि उन्हें ट्वीट के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी क्योंकि वह उस समय अफ्रीका में थे। ज्योति बसु (अकबर की शिकायत के समर्थन में पेश गवाह) के साक्ष्य में यह झूठा साबित हुआ। ’’

जॉन ने कहा, ‘‘बसु ने कहा है कि उनके समर्थन में ट्वीट के लिए अकबर ने 10 अक्टूबर 2018 को उनका शुक्रिया अदा किया और उन्होंने (बसु) उनसे कानून कदम उठाने को कहा। यह सब उस समय हुआ जब वह अफ्रीका में थे।’’

जॉन ने आगे कहा कि अकबर द्वारा अपनी शिकायत को साबित करने के लिए पेश गवाह भी विश्वसनीय नहीं है।

अदालत मामले में 19 सितंबर को आगे जिरह सुनेगी ।

अकबर ने पूर्व में अदालत को बताया था कि रमानी ने उनका नाम लेकन उन्हें बदनाम किया और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचायी ।

उन्होंने ‘मी टू’ मुहिम के दौरान अपने खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों से इनकार किया था ।

भाषा आशीष अनूप

अनूप


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