बीकानेर में चिकित्सकों की टीम ने श्वान के दांतों का ‘रूट कैनाल’ ऑपरेशन किया

बीकानेर में चिकित्सकों की टीम ने श्वान के दांतों का 'रूट कैनाल' ऑपरेशन किया

बीकानेर में चिकित्सकों की टीम ने श्वान के दांतों का ‘रूट कैनाल’ ऑपरेशन किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: March 25, 2021 10:50 am IST

बीकानेर, 25 मार्च (भाषा) बीकानेर में पशु तथा अन्य चिकित्सकों की एक टीम ने मिलकर एक श्वान के दांतों का उपचार किया। इस श्वान के दांतों में रूट कैनाल शल्य चिकित्सा कर उसे असहनीय पीड़ा से निजात दिलाई गयी और यह संभवत: राज्य में अपनी तरह का पहला ऑपरेशन रहा।

राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के सर्जरी एवं रेडियोलोजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. प्रवीण बिश्नोई ने ‘भाषा’ को बताया की श्वानों में दांतों सम्बन्धी कई बीमारियां होती हैं और इंसानों की तरह इनमें भी दांतों में संक्रमण हो जाता है, जिसे आम भाषा में कीड़ा लगना कहा जाता है। इसके इलाज के लिए इस विश्वविद्यालय ने एक नयी पहल की है। इसके तहत सामान्य मनुष्य के दंत चिकित्सक डॉ. ध्रुपद माथुर तथा डॉ. आयुषी खरे के साथ मिलकर इस विभाग की टीम ने कुत्ते के दांतों में आरसीटी का ऑपरेशन किया और उसे असहनीय पीड़ा से मुक्ति दिलाई ।

डॉ. बिश्नोई ने दावा किया कि राजस्थान में श्वान के दांतों में रूट कैनाल पहली बार किया गया।

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उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के सर्जरी एवं रेडियोलॉजी विभाग में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा वित्तपोषित एक परियोजना के तहत पशुओं के विभिन्न शल्य विकारों का निदान एवं उपचार किया जा रहा है। इनमें छोटे तथा बड़े सभी जानवरों के एक्स रे, सोनोग्राफी तथा सीटी स्कैन कर आंखों, हड्डियों व दांतों संबंधी रोगों का इलाज तथा ऑपरेशन किये जाते है।

उन्होंने बताया कि पशु विश्वविद्यालय में अभी तक दंत शल्य की विशेषज्ञता नहीं हैं। दंत चिकित्सक डॉ. ध्रुपद माथुर और डॉ. आयुषी खरे की मदद से पशु चिकित्सकों ने विभाग के ‘मिनी ऑपरेशन थिएटर’ में एक श्वान के निचले बायें जबड़े में फ्रैक्चर को रूट कैनाल के जरिये ठीक किया।

उन्होंने बताया कि भारत में पशुओं के लिए पहली सीटी स्कैन मशीन यहां 2016 में लगायी गयी थी तब भी हमने मशीन को ऑपरेट करने के लिये ह्यूमन रेडियोलॉजिस्ट की मदद ली थी।

उन्होंने बताया कि श्वान के दांतों की रूट कैनाल शल्य चिकित्सा 2014 में भारत के पांच पशु विश्वविद्यालयों लुधियाना, चेन्नई, मथुरा, आईवीआरआई और बीकानेर विश्वविद्यालय में शुरू की गयी थी।

भाषा कुंज निहारिका

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