‘बीबी का मकबरा’ के संरक्षण के लिए एएसआई का क्षेत्रीय कार्यालय अपने मुख्यालय को प्रस्ताव भेजेगा

‘बीबी का मकबरा’ के संरक्षण के लिए एएसआई का क्षेत्रीय कार्यालय अपने मुख्यालय को प्रस्ताव भेजेगा

‘बीबी का मकबरा’ के संरक्षण के लिए एएसआई का क्षेत्रीय कार्यालय अपने मुख्यालय को प्रस्ताव भेजेगा
Modified Date: April 28, 2025 / 06:34 pm IST
Published Date: April 28, 2025 6:34 pm IST

छत्रपति संभाजीनगर, 28 अप्रैल (भाषा) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का क्षेत्रीय कार्यालय मुगल बादशाह औरंगजेब की पत्नी दिलरुस बानो की कब्र ‘बीबी का मकबरा’ की मीनारों, मकबरे और क्षतिग्रस्त दीवार के संरक्षण के लिए अपने मुख्यालय को प्रस्ताव भेजेगा। एक अधिकारी ने सोमवार को यहां यह जानकारी दी।

दिलरुस बानो को राबिया दुर्रानी के नाम से भी जाना जाता है।

एक एएसआई अधिकारी ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर में स्थित ‘बीबी का मकबरा’ देखने काफी पर्यटक आते हैं। यह मकबरा, ताजमहल से काफी मिलता-जुलता है।

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दिलरुस बानो की मृत्यु आठ अक्टूबर, 1657 को हुई थी, जिसके बाद इस मकबरे का निर्माण शुरू किया गया था।

इससे पहले दिन में, क्षतिग्रस्त दीवार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसे इस मकबरे का बताया जा रहा है।

एएसआई अधिकारी ने वीडियो के बारे में पूछे जाने पर बताया कि इस दीवार से जुड़े संरक्षण कार्य के लिए एक प्रस्ताव दिल्ली स्थित एएसआई मुख्यालय को भेजा जाएगा।

एएसआई अधिकारी ने बताया, “यहां का क्षेत्रीय कार्यालय मीनारों, मुख्य मकबरे के संरक्षण और अन्य कार्यों के लिए भी प्रस्ताव भेजेगा।”

भाषा जितेंद्र अविनाश

अविनाश


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