दिल्ली में भाजपा सरकार ने इस साल कुछ वादे पूरे किए, कई अब भी शेष
दिल्ली में भाजपा सरकार ने इस साल कुछ वादे पूरे किए, कई अब भी शेष
नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) दिल्ली की सत्ता में 27 वर्ष बाद लौटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2025 के अंत तक अपने कुछ चुनावी वादे पूर किए लेकिन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को अपने शेष वादों को पूरा करने के लिए आगामी वर्ष में काफी काम करना होगा।
इस वर्ष आम आदमी पार्टी (आप) के एक दशक लंबे शासन का अंत होने के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में ‘आयुष्मान भारत’ स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने की दिशा में तेजी से कदम उठाए।
निर्माण श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों और झुग्गीवासियों को पांच रुपये में रियायती भोजन उपलब्ध कराने वाली ‘अटल कैंटीन’ की हालिया शुरुआत भी एक और चुनावी वादा है जिसे पूरा किया गया है।
इसी बीच मुख्यमंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि कई प्रमुख चुनावी वादे अब भी कागजों पर ही हैं।
सबसे अधिक चर्चा में रहे वादों में ‘महिला समृद्धि योजना’ शामिल है, जिसके तहत भाजपा ने आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक सहायता देने का वादा किया था।
पांच सौ रुपये में रसोई गैस सिलेंडर और होली एवं दीवाली पर यानी साल में दो बार मुफ्त सिलेंडर भरवाने की सुविधा की घोषणा का भी दिल्ली के लोग अब तक इंतजार कर रहे हैं।
गुप्ता सरकार ने सत्ता में आते ही शासन को लोगों तक पहुंचाने पर जोर दिया था।
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास ‘मुख्यमंत्री जन सेवा सदन’ में साप्ताहिक जनसुनवाई कार्यक्रमों का स्वयं नेतृत्व किया और इन बैठकों को आम नागरिकों की शिकायतों के समाधान का मंच बताया।
प्रशासनिक पुनर्गठन भी प्रमुखता से किया आया और लोगों तक सेवा पहुंचाने की व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से दो नये जिले बनाए गए, जिससे दिल्ली में जिलों की कुल संख्या 13 हो गई।
कई नीतिगत घोषणाओं के बावजूद सरकार हर साल सर्दियों में दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को अपनी चपेट में लेने वाली वायु प्रदूषण जैसी पुरानी शहरी समस्याओं से निपटने के लिए अब भी संघर्ष कर रही है।
‘पीयूसीसी (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र) नहीं तो ईंधन नहीं’ नियम, यांत्रिक सफाई, ‘एंटी स्मॉग गन’ (धुंध-रोधी उपकरणों) की तैनाती और पानी छिड़कने वाले यंत्रों जैसे उपायों से केवल अल्पकालिक राहत मिली और प्रदूषण बरकरार रहा।
शिक्षा क्षेत्र में सरकार ने ‘दिल्ली विद्यालय शिक्षा (शुल्क निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) अधिनियम, 2025’ को पेश किया ताकि निजी विद्यालयों को फीस में मनमानी वृद्धि करने से रोका जा सके।
स्वास्थ्य क्षेत्र में ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ और बुजुर्गों के लिए ‘वय वंदना योजना’ की शुरुआत प्रमुख कदम रहे।
सरकार ने निर्माणाधीन 11 अस्पताल परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य भी तय किया है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में 10,000 से अधिक बिस्तर बढ़ने की उम्मीद है।
गुप्ता ने 2025-26 के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें सड़कों, पेयजल और यमुना के पुनरुद्धार पर जोर दिया गया।
सरकार ने केंद्रीय सड़क और अवसंरचना निधि के तहत 800 करोड़ रुपये निर्धारित किए और लोक निर्माण विभाग ने मार्च 2026 तक 500 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत का लक्ष्य रखा है।
बारापुल्ला फेज-तीन और नंद नगरी फ्लाईओवर जैसी काफी समय से लंबित परियोजनाओं के लिए पर्यावरण संबंधी मंजूरी प्राप्त कर ली गई है, जबकि महत्वाकांक्षी 55 किलोमीटर लंबे ‘एलिवेटेड रिंग रोड कॉरिडोर’ की व्यवहार्यता संबंधी समीक्षा शुरू हो गई है।
जल प्रबंधन हमेशा विवाद का मुद्दा रहा है। इस दिशा में काम करते हुए अगले पांच वर्षों में जलभराव और बाढ़ से जुड़ी दुर्घटनाएं कम करने के उद्देश्य से काफी समय से प्रतीक्षित जल निकासी की मुख्य योजना पेश की गई।
सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड की बकाया राशि की वसूली में मदद के लिए पानी के बिल पर एकमुश्त विलंब शुल्क माफी की घोषणा भी की।
यमुना की सफाई भाजपा के प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक रही है। इस कार्य में कई संस्थाओं को शामिल करते हुए 45 सूत्री कार्ययोजना के जरिये इसे प्राथमिकता दी गई।
‘सेवा पखवाड़ा’ कार्यक्रमों के तहत 1,800 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की शुरुआत की गई, जिसे राजनीतिक मंशा को ठोस कार्रवाई में बदलने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
दिल्ली 2026 में कदम रखने की तैयारी कर रही है, ऐसे में रेखा गुप्ता सरकार के सामने एक निर्णायक चरण है क्योंकि कई बड़े कल्याणकारी वादे अब भी लागू होने बाकी हैं और नागरिकों से जुड़ी कई समस्याएं उनकी शासन क्षमता की परीक्षा लेती रहेंगी।
भाषा सिम्मी सुरभि
सुरभि

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