Story of Dawood Ibrahim's property auction
Story of Dawood Ibrahim’s property auction : नई दिल्ली। अंडरवर्ल्ड डॉन और मुंबई बम धमाकों का आरोपी दाऊद इब्राहिम कई साल से फरार है और पाकिस्तान में छिपा है। हालांकि कुछ दिन पहले खबर आई थी कि दाऊद इब्राहिम को जहर दिया गया है जिसके बाद वह अस्पताल में भर्ती है। लेकिन अब दाऊद इब्राहिम की संपत्ति पर बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। दाऊद की मुंबई और रत्नागिरी में संपत्तियों की नीलामी 5 जनवरी को होने वाली है। सरकार ने इस संबंध में एक सूचना भी जारी की है।
Story of Dawood Ibrahim’s property auction : मिली जानकारी के अनुसार, ये प्रॉपर्टी महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के मुंबके गांव में है जहां खेती होती है। बता दें कि दाऊद इब्राहिम का पैतृक गांव यही है। साथ ही जानकारी यह भी सामने आ रही है कि इसकी चारों संपत्तियों की कीमत 19.2 लाख रुपये रखी गई है और सबसे छोटे प्लॉट का रिजर्व मूल्य 15,440 रुपये रखा गया है। इससे पहले 2017 और 2020 में SAFEMA द्वारा दाऊद इब्राहिम की 17 से अधिक संपत्तियों की नीलामी की गई थी।
इस नीलामी के लिए कई बोलियां प्राप्त हुई हैं और बोली प्रक्रिया 5 जनवरी को दोपहर 2:00 बजे से 3:30 बजे के बीच होने वाली है। पिछली नीलामी में, SAFEMA ने दाऊद की संपत्तियों की सफलतापूर्वक नीलामी की थी, जिसमें होटल रौनक अफरोज, शबनम गेस्ट हाउस और 2017 में भिंडी बाजार के पास दामरवाला इमारत के छह कमरे शामिल थे, जिससे 11 करोड़ रुपये मिले थे।
बता दें कि नीलामी के बाद दाऊद इब्राहिम की जमीन के लिए लोगों को कड़ी मेहनत और परेशानी का सामना करना होता है। जब साल 2000 में दाऊद इब्राहिम की जमीन को नीलाम किया जा रहा था तब भी कराची में बैठकर मुंबई में उसका खौफ साफतौर से देखा गया था। उस समय नीलामी के लिए दाऊद की 11 संपत्तियां रखी गई थीं। लेकिन इनकम टैक्स के अधिकारी 2 घंटे तक होटल के हॉल में बैठे रहे, लेकिन कोई बोली लगाने के लिए नहीं आया। इससे साफ जाहिर होता है कि दाऊद इब्राहिम का खौफ कितना होगा। बता दें कि मुंबई के प्रमुख इलाके में संपत्ति कौड़ियों के दाम मिल रही हो फिर भी कोई उसको खरीददार न मिले तो उसके पीछे और क्या कारण हो सकता है।
मार्च 2001 में एक ग्राहक दाऊद इब्राहिम की जमीन लेने के लिए उत्सुक था। उन्होंने कहा कि दाऊद की संपत्ति पर बोली लगाने के लिए मुंबई आएंगे। अगली नीलामी मार्च 2001 में हुई और उस नीलामी में ग्राहक अजय श्रीवास्तव बोली लगाने वाले एकमात्र शख्स थे। उन्होंने नागपाड़ा के जयराजभाई गली में दाऊद की दो दुकानों पर बोली लगाई और उसे खरीद लिया। भले ही कागज पर वे उन दोनों दुकानों के मालिक हो गए थे लेकिन आज तक उन दुकानों का कब्जा अजय श्रीवास्तव को नहीं मिल पाया है।
बता दें कि कब्जा हासिल करने के लिए अजय श्रीवास्तव ने लघुवाद न्यायालय में मुकदमा दायर किया था, जिसमें दाऊद की बहन हसीना पारकर प्रतिवादी थी। पहले तो कई तारीखों पर पारकर की तरफ से कोई अदालत में आया ही नहीं, लेकिन जब अदालत ने चेतावनी दी कि वो “एक्स पार्टी” (एकतरफा) आदेश देगी तो हसीना के वकीलों ने आना शुरू किया। साल 2011 में श्रीवास्तव ने मुकदमा जीत लिया।
इसके बावजूद आज तक संपत्ति का कब्जा उन्हें नहीं मिल पाया है और वे अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। लघुवाद न्यायालय के आदेश को दाऊद की बहन ने बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी। 6 जुलाई 2014 को हसीना पारकर की मृत्यु हो गई और उसके बाद हसीना के बच्चे मुकदमा आगे लड़ रहे हैं।