माकपा विधायक और भाजपा पार्षद के बीच कार्यालय स्थान विवाद में कांग्रेस भी आयी

माकपा विधायक और भाजपा पार्षद के बीच कार्यालय स्थान विवाद में कांग्रेस भी आयी

माकपा विधायक और भाजपा पार्षद के बीच कार्यालय स्थान विवाद में कांग्रेस भी आयी
Modified Date: December 29, 2025 / 01:40 pm IST
Published Date: December 29, 2025 1:40 pm IST

तिरुवनंतपुरम, 29 दिसंबर (भाषा) केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक विधायक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निर्वाचित पार्षद के बीच कार्यालय स्थल को लेकर जारी विवाद में सोमवार को तब एक नया मोड़ आ गया, जब कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सुझाव दिया कि विधायक को शेष विधानसभा कार्यकाल के लिए विधायक हॉस्टल में स्थानांतरित हो जाना चाहिए।

कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं अब एक पार्षद के. एस. सबरीनाथन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि सस्थमंगलम वार्ड में निगम कार्यालय में विधायक कार्यालय के संचालन के मुद्दे की नगर निगम द्वारा जांच की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि विधायक और निगम के बीच मौजूदा समझौते की जांच और किराये के संबंध में निर्णय लेने का काम नगर निगम का है। उन्होंने यह भी बताया कि केरल में अधिकतर विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में किराये के कार्यालयों का उपयोग करते हैं।

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अरुविक्करा निर्वाचन क्षेत्र के दो बार के पूर्व विधायक सबरीनाथन ने कहा कि उस समय उनका कार्यालय उसी क्षेत्र में किराये के कमरे से संचालित होता था और वे मासिक किराया भरते थे।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हालांकि, विधायक वी. के. प्रशांत को एक विशेष लाभ प्राप्त है। विधानसभा का विधायक हॉस्टल उस वत्तियूरकावु निर्वाचन क्षेत्र में स्थित है, जिसका प्रतिनिधित्व वे करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शहर के केंद्र में स्थित विधायक हॉस्टल में अच्छी तरह सुसज्जित कमरे, कंप्यूटर सुविधाएं, कार पार्किंग और सभी आवश्यक सुविधाएं हैं। जानकारी लेने पर मुझे पता चला कि विधायक हॉस्टल के निला ब्लॉक में स्थित दो उत्कृष्ट कार्यालय कमरे, क्रमांक 31 और 32, उनके नाम आवंटित किए गए हैं।’’

सबरीनाथन ने सवाल किया, ‘‘जब सरकार इस तरह का पूरी तरह सुसज्जित विधायक हॉस्टल नि:शुल्क उपलब्ध कराती है, तो उसे सस्थमंगलम स्थित कमरे के लिए क्यों छोड़ा जाना चाहिए?’

उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए इस विधानसभा के शेष कार्यकाल के दौरान विधायक हॉस्टल में स्थानांतरित होना बेहतर होगा।

हालांकि, कांग्रेस पार्षद को जवाब देते हुए प्रशांत ने यह जानना चाहा कि इस मुद्दे में कांग्रेस पार्टी भाजपा की दलीलों का समर्थन क्यों कर रही है। उन्होंने एक टीवी चैनल को बताया कि राज्य के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस द्वारा भाजपा के पक्ष में अपनाये गए रुख की समीक्षा की जानी चाहिए।

विधायक ने यह भी कहा कि उनका कार्यालय सस्थमंगलम में इसलिए संचालित हो रहा है क्योंकि उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए वहां आना अधिक सुविधाजनक है।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब वत्तियूरकावु विधायक और माकपा नेता वी. के. प्रशांत ने कहा कि भाजपा पार्षद आर. श्रीलेखा ने उन्हें फोन पर संपर्क किया और सस्थमंगलम में निगम भवन में अपने कार्यालय को खाली करने के लिए कहा।

उन्होंने बताया कि उनका विधायक कार्यालय पिछले सात वर्षों से उसी भवन में संचालित हो रहा है और इससे पहले भी एक भाजपा पार्षद ने उसी भवन के एक हिस्से का कार्यालय के रूप में उपयोग किया था।

प्रशांत ने इस कदम की तुलना ‘बुलडोजर राज’ से की और दावा किया कि उत्तर भारतीय कुछ राज्यों में भाजपा द्वारा अपनाई गई नीतियां तिरुवनंतपुरम में भी दोहराई जा रही हैं।

हालांकि, श्रीलेखा ने बाद में स्पष्ट किया कि उन्होंने प्रशांत से केवल विनम्र अनुरोध किया था, यह बताते हुए कि निगम भवन में पर्याप्त जगह की कमी है।

शहर महापौर वी. वी. राजेश ने बाद में कहा कि विधायक को यह स्थान किराये पर देने से संबंधित दस्तावेजों की जांच की जाएगी।

श्रीलेखा एक सेवानिवृत्त डीजीपी हैं और वह हाल में स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुई हैं।

भाषा अमित मनीषा

मनीषा


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