इस तारीख को मिलेगा देश को पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट, जानिए क्या है इसकी खाशियत
Aircraft IAC Vikrant : नई दिल्ली – समुद्र में भी भारत की ताकत जल्द बढ़ने वाली है। 2 सितंबर को देश में पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट आईएसी विक्रांत मिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे नौसेना को सौपेंगे। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के अंदर एक स्थान पर भारतीय नौसेना में आधिकारिक तौर पर पोत को शामिल करेंगे। हाल ही में इसके चार चरणों का ट्रायल पूरा किया गया है। इस ट्रायल के दौरान विक्रांत के हथियार, सिस्टम और एविएशन फैसेलिटी कॉम्पेलक्स के परीक्षण किए गए। भारतीय नौसेना ने इन ट्रायल की तस्वीरें भी जारी की जिसमें पहली बार मिग-29-के फाइटर जेट, एएलएच और कामोव हेलीकॉप्टर विक्रांत के डेक पर खड़े दिखाए दिए। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
Amount of steel used in IAC Vikrant is enough to perhaps make 4 Eiffel Towers. Its cabling runs almost 2400 km. Each of these MiG-29K aircraft weighs as much as 2 African elephants. It generates enough electricity to power a small town:Southern Naval Command Vice Adm MA Hampiholi pic.twitter.com/VoFM0tdXPP
— ANI (@ANI) August 23, 2022
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विक्रांत की अधिकतम गति करीब
Aircraft IAC Vikrant : विक्रांत की अधिकतम गति करीब 28 समुद्री मील है और इसकी लंबाई 262 मीटर है, यह 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है, इसका निर्माण वर्ष 2009 में आरंभ हुआ था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विक्रांत का उड़ान डेक दो फुटबॉल मैदानों के बराबर है। अगर कोई विक्रांत के गलियारों से होकर चले तो उसे 8 किमी की दूरी निर्धारित करनी पड़ेगी। 2 सितम्बर को पीएम मोदी इस एयरक्राफ्ट करियर को भारतीय नौसेना के हवाले करेंगे।
आईएसी विक्रांत की खासियत
Aircraft IAC Vikrant : ये 20,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से तैयार हुआ है। चौथे और आखिरी चरण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद नेवी ने 28 जुलाई को CSL से इस विमान वाहक पोत को हासिल किया। IAC विक्रांत को फाइटर जेट्स के लिए लाया गया है।करीब 40 हजार टन वजनी इस एयरक्राफ्ट पर एक साथ 30 फाइटर जेट्स तैनात हो सकते हैं। इसमें MiG-29K, Kamov-31 और MH-60R हेलिकॉप्टर शामिल हैं। इतना की नहीं इस एयरक्राफ्ट में 2,300 से ज्यादा कंपार्टमेंट हैं। एक साथ 1700 लोग इसमें आ सकते हैं। महिलाओं के लिए यहां विशेष केबन तैयार किए गए हैं। इसकी टॉप स्पीड 23 नॉट्स है। ये एक बार में 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है। आईएसी के आठ बिजली जनरेटर कोच्चि शहर को रोशन करने के लिए पर्याप्त हैं और युद्धपोत में सभी सुविधाओं के साथ एक अत्याधुनिक अस्पताल परिसर भी है।

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