अदालत ने व्यवसायी सतीश बाबू और प्रदीप कोनेरू के खिलाफ धन शोधन की कार्यवाही जारी रखी

अदालत ने व्यवसायी सतीश बाबू और प्रदीप कोनेरू के खिलाफ धन शोधन की कार्यवाही जारी रखी

अदालत ने व्यवसायी सतीश बाबू और प्रदीप कोनेरू के खिलाफ धन शोधन की कार्यवाही जारी रखी
Modified Date: July 19, 2024 / 09:12 pm IST
Published Date: July 19, 2024 9:12 pm IST

नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मांस निर्यातक मोइन अख्तर कुरैशी से कथित रूप से जुड़े धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के एक मामले में व्यवसायी सतीश बाबू सना और प्रदीप कोनेरू के खिलाफ शुरू की गई धन शोधन कार्यवाही को बरकरार रखा।

उच्च न्यायालय ने धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें जारी समन को रद्द करने से भी इनकार कर दिया और कहा कि उनका समन “धन के स्रोत का पता लगाने के लिए न्यायसंगत और उचित” था।

अदालत ने हालांकि 2019 में दोनों व्यापारियों को जारी समन पर रोक लगा दी थी। अदालत ने कहा कि उन्हें दी गई अंतरिम सुरक्षा दो सप्ताह तक जारी रहेगी।

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न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने कहा, “विजय मदनलाल चौधरी मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता धन शोधन के मामले में संलिप्त हैं, हम पाते हैं कि उनके विरुद्ध पीएमएलए के तहत कार्यवाही उचित रूप से शुरू की गई है। याचिकाकर्ताओं ने अपने समन को चुनौती दी है, (लेकिन) हमारी राय में धन के स्रोत का पता लगाने के लिए यह (समन) न्यायसंगत और उचित है।”

पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ताओं द्वारा दर्ज आपत्तियों में कोई दम नजर नहीं आता। तदनुसार, इन याचिकाओं और लंबित आवेदनों को खारिज किया जाता है।”

सना ने ईडी द्वारा 19 जुलाई, 2019 और 25 जुलाई, 2019 को जारी किए गए समन को चुनौती देते हुए कहा कि पहले उन्हें गवाह के रूप में उद्धृत किया गया था, लेकिन बाद में उनकी स्थिति बदलकर आरोपी कर दी गई।

भाषा प्रशांत सुरेश

सुरेश


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