ईडी ने अदालत में संजय भंडारी की याचिका का विरोध किया
ईडी ने अदालत में संजय भंडारी की याचिका का विरोध किया
नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को ब्रिटेन स्थित हथियार कारोबारी संजय भंडारी की उस याचिका का दिल्ली उच्च न्यायालय में विरोध किया, जिसमें अधीनस्थ अदालत द्वारा उसे “भगोड़ा आर्थिक अपराधी” घोषित करने के आदेश को चुनौती दी गई थी।
जांच एजेंसी ने कहा कि जब जुलाई में अधीनस्थ अदालत ने आदेश पारित किया था, तो अदालत को एक मूल्यांकन आदेश के बारे में पता था, जिसमें दिखाया गया था कि 655 करोड़ रुपये की संपत्ति गुप्त रूप से अर्जित की गई थी।
भंडारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हालांकि न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा के समक्ष दलील दी कि मूल्यांकन कार्यवाही पूरी किए बिना ही अभियोजन शुरू कर दिया गया था और यदि मूल्यांकन अधूरा था, तो यह मानने का क्या कारण था कि कर चोरी 100 करोड़ रुपये से अधिक थी।
उन्होंने कहा, “उनके पास 100 करोड़ रुपये की कर देनदारी दिखाने का कोई सबूत नहीं था। यह मानने के लिए कोई ठोस कारण तो होना ही चाहिए कि कर देनदारी 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है। अब अगर मूल्यांकन पूरा नहीं हुआ है, तो यह मानने का क्या कारण है कि यह 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है? यह याचिका (उन्हें भगोड़ा घोषित करने की) न्यायोचित नहीं थी। यह समय से पहले दायर की गई थी।”
निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने और उसे रद्द करने का अनुरोध करते हुए सिब्बल ने कहा कि जैसे ही भंडारी को भगोड़ा घोषित किया जाएगा, उसके पास कोई उपाय नहीं बचेगा।
उन्होंने कहा, “वे (ईडी) कानून का पालन नहीं करते, मुझे भगोड़ा अपराधी घोषित करके मेरी 400-500 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पना चाहते हैं और मुझे कोई दावा दायर करने की अनुमति नहीं देते। इस देश में कानून का यही हाल है।”
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कहा, “जब आदेश पारित किया गया था, तो अधीनस्थ अदालत को पता था कि एक मूल्यांकन आदेश था, जिसमें दिखाया गया था कि 655 करोड़ रुपये की संपत्ति गुप्त रूप से अर्जित की गई है और आदेश की तारीख पर, 100 करोड़ रुपये से अधिक कर देयता थी और 196 करोड़ रुपये की कर चोरी हुई थी।”
अदालत ने मामले की सुनवाई 20 अगस्त के लिए स्थगित कर दी।
भाषा प्रशांत सुरेश
सुरेश

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