केंद्र सरकार के शत्रु संपत्ति विभाग ने कोलकाता में इमारत का सर्वेक्षण किया

केंद्र सरकार के शत्रु संपत्ति विभाग ने कोलकाता में इमारत का सर्वेक्षण किया

केंद्र सरकार के शत्रु संपत्ति विभाग ने कोलकाता में इमारत का सर्वेक्षण किया
Modified Date: September 18, 2024 / 05:20 pm IST
Published Date: September 18, 2024 5:20 pm IST

कोलकाता, 18 सितंबर (भाषा) गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति अधिकारी ने बुधवार को कोलकाता के राजाबाजार इलाके में स्थित एक इमारत की स्थिति का जायजा लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

सर्वेक्षण दल के साथ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के लगभग 100 जवान भी थे, क्योंकि स्थानीय लोगों ने पहले इस तरह के सर्वेक्षण का विरोध किया था।

गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ‘सरकार का लक्ष्य इन (शत्रु) संपत्तियों से धन एवं राजस्व अर्जित करना है। इस इमारत से जुड़ा एक मामला है। हम स्थिति का आकलन करने, इमारत का सर्वेक्षण करने और उसमें रहने वालों का विवरण एकत्र करने आए हैं।’

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यह सर्वेक्षण शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के अंतर्गत किया गया। यह अधिनियम 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भारत से लोगों के पाकिस्तान पलायन के बाद लागू किया गया था।

अधिकारी ने कहा, ‘हम यह पता लगाना चाहते थे कि राजाबाजार स्थित इमारत में रहने वाले लोग किराया प्रणाली के अंतर्गत आना चाहते हैं या नहीं। संशोधित किराया प्रणाली को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से क्रियान्वित किया गया है। यदि कीमत एक करोड़ रुपये से कम है, तो ऐसी संपत्ति में रहने वाला व्यक्ति इसे खरीद सकता है, जिसके लिए सत्यापन प्रक्रिया की जाती है।”

राजाबाजार मध्य कोलकाता में अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र है।

अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा कोलकाता में पहचानी गई ऐसी संपत्तियों की संख्या 96, पश्चिम बंगाल में 4,500 और पूरे भारत में लगभग 12,000 है।

भारत में शत्रु संपत्तियों में भूमि, इमारत, बैंक खाते, शेयर और अन्य निवेश शामिल हैं, जो राज्य के शत्रु माने जाने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं या संगठनों के स्वामित्व में हैं या उनके द्वारा प्रबंधित हैं।

भाषा जोहेब पारुल

पारुल


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