पुलिस के पहरे में घोड़ी पर निकला दूल्हा, दुल्हन के पिता ने लगाई थी गुहार
The groom came out on a mare: शनिवार 22 अप्रैल को शादी थी। लड़की के पिता ने बारात की चढ़ाई के दौरान असामाजिक तत्वों के द्वारा व्यवथान डालने की संभावना जताकर पुलिस व प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई थी।
The groom came out on a mare: अलवर। राजस्थान के अलवर जिले में एक दलित दूल्हे की चढ़ाई पुलिस पहरे में हुई। दरअसल, अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ थाना इलाके के तिलकपुर गांव निवासी ज्ञानचंद बैरवा की बेटी रीना की शनिवार 22 अप्रैल को शादी थी। लड़की के पिता ने बारात की चढ़ाई के दौरान असामाजिक तत्वों के द्वारा व्यवथान डालने की संभावना जताकर पुलिस व प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई थी।
जिसके चलते शनिवार की अलसुबह भारी तादाद में पुलिस व प्रशासन के अधिकारी तिलकपुर पहुंचे। वहीं दलित संगठनों के हजारों की तादाद में पदाधिकारी व युवा भी तिलकपुर पहुंचे। बाद में दौसा के महुवा से बारात के पहुंचने पर बिचगांवा बस स्टैंड से तिलकपुर तक भारी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में बारात की चढ़ाई हुई। बारात की चढ़ाई के दौरान गांव में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात रही। शांतिपूर्ण तरीके से चढ़ाई व विवाह संपन्न होने के बाद पुलिस व प्रशासन ने राहत की सांस ली।
गौरतलब है कि शुक्रवार को दुल्हन की बिंदोरी पुलिस पहरे में निकाली गई। इस दौरान दलित संगठनों से जुड़े विनोद जाटव लक्ष्मणगढ़, भीम सेना प्रदेश महासचिव शेर सिंह बौद्ध, प्रदेश उपाध्यक्ष भागचंद बरेर, युवा मंडल अध्यक्ष मनीष महेरा, कवि सदाराम, राजकुमार बिलेटा, नरेंद्र, शुभम, जयराम बैरवा भनोखर के अलावा दलित संगठन के लोग मौजूद थे।
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क्यों बुलाई पुलिस ?
दरअसल, दुल्हन के पिता ज्ञानचंद के चिंतित होने का कारण उनकी बड़ी बेटी की शादी था। 10 मार्च 2015 के दिन ज्ञानचंद की बड़ी बेटी किरण की शादी थी। ज्ञानचंद के पुत्र भूपेंद्र ने बताया कि दौसा जिले के महवा तहसील के रशीदपुर गांव से बारात आई थी। उस वक्त गांव में एक जाति विशेष के लोगों ने दूल्हे को घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया था। दूल्हे की गाड़ी में तोड़फोड़ कर बारातियों से उन्होंने अभद्रता कर भगा दिया था।

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