फिर दोहराई जा सकती थी गैंगस्टर विकास दुबे की बिकरू हत्याकांड जैसी घटना, हिस्ट्रीशीटर ने किया हमला पुलिस ने छिपकर बचाई जान

फिर दोहराई जा सकती थी गैंगस्टर विकास दुबे की बिकरू हत्याकांड जैसी घटना, हिस्ट्रीशीटर ने किया हमला पुलिस ने छिपकर बचाई जान

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  • Publish Date - January 5, 2021 / 05:55 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

कानपुर। गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने गुर्गो के साथ मिलकर आठ पुलिसकर्मियों की बेरहमी की हत्या कर दी थी, यह घटना को अभी बहुत दिन नहीं हुए हैं, बावजूद इसके पुलिस ने इस घटना से सबक नहीं लिया। पुलिस की एक बड़ी लापरवाही बीते शनिवार को फिर से नजर आई जब रात को बेकनगंज पुलिस डी 80 गैंग के मुखिया रेहान उर्फ गुड्डू को पकड़ने गई थी। इस दौरान हिस्ट्रीशीटर के साथी और स्थानीय लोगों ने पुलिस को घेर लिया। इसके बाद छतों से पथराव कर दिया। किसी तरह से गलियों में छिपते हुए पुलिस कर्मी जान बचाकर भागने में कामयाब हुए।

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कर्नलगंज थाना क्षेत्र स्थित गम्मू खां हाता में रहने वाला रेहान उर्फ गुड्डू पर शहर के विभिन्न थानों में लूट, चोरी, रंगदारी और हत्या के प्रयास के मुकदमे हैं। रेहान टॉप टेन 10 हिस्ट्रीशीटर अपराधी है। बेकनगंज पुलिस को सूचना मिली थी कि रेहान गम्मू खां हाता में परिजन से मिलने के लिए आया है। इस सूचना पर पुलिस ने दबिश दी थी। बेकनगंज थाने में तैनात दरोगा मो नईम सिपाहियों को लेकर गम्मू खां हाता दबिश देने के लिए गए थे। दरोगा ने दबिश की सूचना आलाधिकारियों और कर्नलगंज थाने को नहीं दी थी। दरोगा जैसे ही सिपाहियों के साथ हिस्ट्रशीटर के घर पहुंचे, तो महिलाएं लाठी-डंडे लेकर निकल आई। भीड़ ने पुलिस को चारों तरफ से घेर लिया। छतों से पथराव शुरू हो गया। किसी तरह से पुलिसकर्मी खुद को बचाते हुए, गलियों में जा छिपे। दरोगा ने पथराव और हंगामे की सूचना बेकनगंज थाने को दी।

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बेकनगंज पुलिस आधी-अधूरी तैयारी के साथ दबिश देने के लिए गई थी। दरोगा की सूचना पर कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया। हिस्ट्रीशीटर रेहान हंगामे का फायदा उठाते हुए भाग निकला। सीओ कर्नलगंज दिनेश कुमार के मुताबिक हंगामें की सूचना पर अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया था। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई जा रही है।

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बता दें कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस बीते 2 जुलाई की रात बिकरू गांव दबिश देने के लिए गई थी। सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में तीन थानों का फोर्स आधी अधूरी तैयारी के साथ बिकरू गांव पहुंचा था। विकास दुबे अपने गुर्गो के साथ पहले से घात लगाकर बैठा था। पुलिस के पहुंचते ही विकास दुबे और उसके गुर्गो ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दिया था, जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।