Marburg Virus: कोरोना, HMPV के बाद इस नए वायरस मारबर्ग ने दी दस्तक, WHO के अधिकारियों की बढ़ी चिंता, सन 1967 में मचा चुका है तबाही

Marburg Virus: कोरोना, HMPV के बाद इस नए वायरस मारबर्ग ने दी दस्तक, WHO के अधिकारियों की बढ़ी चिंता, सन 1967 में मचा चुका है तबाही

Marburg Virus: कोरोना, HMPV के बाद इस नए वायरस मारबर्ग ने दी दस्तक, WHO के अधिकारियों की बढ़ी चिंता, सन 1967 में मचा चुका है तबाही

Marburg Virus। Image Credit: IBC24 File Image

Modified Date: January 20, 2025 / 07:59 pm IST
Published Date: January 20, 2025 7:59 pm IST

नई दिल्ली। Marburg Virus: देशभर में कोरोना ने जहां तबाही मचाई थी। वहीं हाल ही में HMPV वायरस ने भी अपना कहर बरपाया था। जिसे लेकर कई जिलों में कोविड जैसे गाइडलाइन जारी किए गए थे। इन सबके बाद एक नए वायरस ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है। जिसके प्रकोप से कई जगह मौते भी हुई है। वहीं इस वायरस को मारबर्ग वायरस नाम दिया गया है।

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बता दें कि, मारबर्ग वायरस के कारण तंजानिया में इस खतरनाक वायरस के कारण 8 लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस घटना को बेहद गंभीर बताते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया है। डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने मारबर्ग वायरस के फैलाव को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता जताई है।

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Marburg Virus:  मारबर्ग वायरस तेजी से फैलने वाला एक घातक वायरस है, जो मारबर्ग वायरस रोग (MVD) का कारण बनता है। इसमें मौत की दर बहुत अधिक होती है। यह वायरस खून की नसो और खून के थक्के बनाने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है, जिसके कारण शरीर में अंदरूनी और बाहरी ब्लीडिंग का खतरा रहता है। मारबर्ग के सबसे अधिक मामले सन 1967 में देखे गए थे। मारबर्ग के बारे में यह कहा जाता था कि, यदि इसकी जद में कोई आ गया, तो उसकी मौत लगभग निश्चित है। पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना में मारबर्ग वायरस के 2 मामले सामने आए हैं तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है।

मारबर्ग वायरस के लक्षण

इस वायरस का असर संक्रमित व्यक्ति में 2 से 21 दिनों के अंदर नजर आता है। शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, उल्टी, दस्त, पेट में दर्द और ऐंठन शामिल हैं। गंभीर मामलों में आंतरिक और बाहरी ब्लीडिंग हो सकता है, जिसमें आंखों से खून बहना भी शामिल है। इसके अलावा, रैश, पीलिया (जिगर की समस्या) और मानसिक स्थिति में भ्रम जैसी स्थिति भी हो सकती है।

मारबर्ग वायरस के उपाय

उन गुफाओं या खदानों में जाने से बचें, जहां पर चमगादड़ रहते हैं।
अच्छे हाथ धोने की आदत डालें और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
संक्रमित व्यक्तियों से संपर्क करने से बचें।
किसी भी मृत जानवर को हाथ न लगाएं, खासकर महामारी वाले क्षेत्रों में।

 


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