उच्चतम न्यायालय की पूर्ण अदालत ने बार संगठनों के आवेदन पर शीशे के पैनल को हटाने का निर्णय लिया

उच्चतम न्यायालय की पूर्ण अदालत ने बार संगठनों के आवेदन पर शीशे के पैनल को हटाने का निर्णय लिया

उच्चतम न्यायालय की पूर्ण अदालत ने बार संगठनों के आवेदन पर शीशे के पैनल को हटाने का निर्णय लिया
Modified Date: June 21, 2025 / 05:34 pm IST
Published Date: June 21, 2025 5:34 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय प्रशासन ने शनिवार को कहा कि बार संगठनों से प्राप्त आवेदन का संज्ञान लेने के बाद पूर्ण अदालत ने अदालत कक्ष संख्या एक से पांच तक के सामने लगे शीशे के पैनल को हटाने का निर्णय लिया है।

उच्चतम न्यायालय प्रशासन ने एक बयान में कहा कि पूर्ण अदालत ने शीशे के पैनल को हटाने के संबंध में ‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए)’ और ‘सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए)’ से प्राप्त ज्ञापन पर गौर किया है।

बयान में कहा गया है, ‘‘ मूल भव्यता, दृश्यता, सौंदर्यबोध और न्यायालय कक्ष तक पहुंच से संबंधित चिंताओं समेत विभिन्न मुद्दों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, पूर्ण अदालत ने शीशे के पैनल को हटाने का निर्णय लिया।’’

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पिछले वर्ष दिसंबर में, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना से वातानुकूलन के लिए लगाए गए शीशे के पैनल को हटाने और इसके ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित करने के लिए उच्चतम न्यायालय के गलियारों के मूल स्वरूप को बहाल करने का अनुरोध किया था।

तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश को लिखे पत्र में एससीबीए ने कहा था कि वातानुकूलन के लिये लगाये गये शीशे के पैनल के कारण गलियारे में जगह काफी कम हो गई है, जिसके चलते खासकर व्यस्त समय में बार के सदस्यों, पंजीकृत लिपिकों, प्रशिक्षुओं और वादियों को आने-जाने में परेशानी होती है।

पत्र में कहा गया था, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित करने के लिए शीशे के पैनल को हटाने और गलियारे को मूल स्वरूप में बहाल करने का अनुरोध करते हैं।’’

भाषा राजकुमार दिलीप

दिलीप


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