उच्चतम न्यायालय हेमंत सोरेन की जमानत को चुनौती देने संबंधी ईडी की याचिका पर 29 जुलाई को सुनवाई करेगा

उच्चतम न्यायालय हेमंत सोरेन की जमानत को चुनौती देने संबंधी ईडी की याचिका पर 29 जुलाई को सुनवाई करेगा

उच्चतम न्यायालय हेमंत सोरेन की जमानत को चुनौती देने संबंधी ईडी की याचिका पर 29 जुलाई को सुनवाई करेगा
Modified Date: July 27, 2024 / 06:08 pm IST
Published Date: July 27, 2024 6:08 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका पर 29 जुलाई को सुनवाई करेगा, जिसमें कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत देने संबंधी झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है।

न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ उच्च न्यायालय के 28 जून के आदेश के खिलाफ संघीय एजेंसी की याचिका पर सुनवाई करेगी।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने इस मामले में 31 जनवरी को ईडी द्वारा गिरफ्तार किये जाने से कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस मामले में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने चार जुलाई को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

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उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान ईडी के वकील एस. वी. राजू ने अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) पुलिस थाने में ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों का जिक्र करते हुए दलील दी थी कि अगर सोरेन को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह इसी तरह का अपराध फिर करेंगे।

उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘यद्यपि ईडी द्वारा याचिकाकर्ता के आचरण को एजेंसी के अधिकारियों द्वारा उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर उजागर किया गया है, लेकिन मामले के समग्र परिप्रेक्ष्य में, याचिकाकर्ता द्वारा समान प्रकृति का अपराध करने की कोई संभावना नहीं है।’’

सोरेन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने राज्य की राजधानी में बड़गाम अंचल में 8.86 एकड़ जमीन ‘‘अवैध रूप से’’ हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री के अपने पद का दुरुपयोग किया था।

ईडी ने दावा किया था कि जांच के दौरान सोरेन के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद ने स्वीकार किया था कि पूर्व मुख्यमंत्री ने उन्हें उक्त भूखंड के स्वामित्व में बदलाव करने के लिए आधिकारिक आंकड़ों से छेड़छाड़ करने का निर्देश दिया था।

संघीय एजेंसी ने दावा किया था कि भूखंड पर जब कब्जा किया जा रहा था, तब उसके असली मालिक राजकुमार पाहन ने शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन उस पर कभी कार्रवाई नहीं हुई।

सोरेन को ईडी ने कई बार तलब किया था, जिसके बाद उनसे उनके आवास पर पूछताछ की गई और फिर 31 जनवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

भाषा

देवेंद्र दिलीप

दिलीप


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