भारतीय राजनीति के लिए उथल-पुथल भरा रहा साल 2021, जानिए कैसा रहेगा साल 2022 का हाल?
भारतीय राजनीति के लिए उथल-पुथल भरा रहा साल 2021, जानिए कैसा रहेगा साल 2022 का हाल?! The year 2021 was full of turmoil for Indian politics
नई दिल्ली: turmoil for Indian politics साल 2021 भारतीय राजनीति के लिए काफी उथलपुथल रहा, लेकिन 2022 भी सियासी घटनाओं के लिए काफी हैपनिंग रहने वाला है। खासतौर इसी साल यूपी सहित 7 राज्यों के विधानसभा चुनाव पर सबकी नजरें टिकी हैं, इनमें से 6 राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए 2022 काफी अहम रहने वाला है। बीजेपी को अपने राज्यों में सत्ता को बचाए रखने की चुनौती होगी। जबकि कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के लिये सत्ता में वापसी के लिए जद्दोजहद करना होगा।
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turmoil for Indian politics वैसे तो हर साल, 12 महीने कोई ना कोई चुनाव होते रहते हैं लेकिन साल 2022 में भी कुछ ऐसे चुनाव होने हैं, जो आने वाले वक्त देश का राजनीतिक भविष्य तय करेगा। लिहाजा कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिये साल 2022 काफी अहम रहने वाला है, भले देश में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में होना है।लेकिन बीजेपी पहले ही ऐलान कर चुकी है कि 2024 का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। ऐसे में 2022 में चुनावी हार-जीत का फैसला ब्रांड मोदी का लिटमस टेस्ट होगा। उत्तरप्रदेश सहित 7 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन राज्यों के परिणाम मोदी की लोकप्रियता भी तय करेंगे। इसकी वजह इन राज्यों में लोकसभा की 132 सीटें है। सबसे अधिक 80 सीटें उत्तरप्रदेश मे है। उत्तरप्रदेश का चुनाव परिणाम सीएम योगी आदित्यनाथ का सियासी भविष्य भी तय करेगा।
यूपी के अलावा उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर, गोवा, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें से पंजाब को छोड़कर हर राज्य में बीजेपी की सरकार है। बीजेपी इन राज्यों की सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगाएगी। दूसरी ओर कांग्रेस को भले उत्तरप्रदेश में बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं हो, लेकिन यूपी को छोड़कर बाकी के राज्यों में कांग्रेस मुख्य मुकाबले में है। लिहाजा कांग्रेस साल 2022 में पूरी ताकत लगाएगी कि उसकी उम्मीदें पूरी हो। हालांकि कांग्रेस के सामने कई ऐसी चुनौतियां भी हैं। मसलन पंजाब वो राज्य है, जहां वो न केवल सत्ता में है बल्कि छह महीने पहले तक ये बात कही जा रही थी कि वो सत्ता में वापस आ रही है। हालांकि अब स्थितियां बदल चुकी हैं, कैप्टन को हटाने के बाद कांग्रेस यहां कई धड़ों में बंट गई है।
कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू पर भरोसा करते हुए उन्हें न केवल प्रदेश अध्यक्ष बनाया बल्कि कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाने का जोखिम भी मोल लिया। बतौर प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू ने अपनी ही सरकार के सीएम चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। कांग्रेस की मुश्किल सिर्फ पंजाब तक नहीं है बल्कि उसे उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी आंतरिक संकट से जूझना पड़ रहा है, जहां वो 2022 में सत्ता में वापसी की उम्मीद किए हुए है।
साल 2022 में कांग्रेस को नया और पूर्णकालिक अध्यक्ष भी मिल सकता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। चुनाव कराने के लिए पार्टी ने टीम गठित कर दी है। अगर राहुल गांधी अध्यक्ष बनते हैं तो उनके लिए खुद को साबित करने का ये आखिरी मौका हो सकता है।

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