सदन में विपक्ष का नेता होना चाहिए: न्यायालय

सदन में विपक्ष का नेता होना चाहिए: न्यायालय

सदन में विपक्ष का नेता होना चाहिए: न्यायालय
Modified Date: April 10, 2023 / 10:30 pm IST
Published Date: April 10, 2023 10:30 pm IST

नयी दिल्ली, 10 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि सदन में विपक्ष का नेता होना चाहिए। इसके साथ ही न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के एक विधान पार्षद की याचिका पर विधान परिषद सभापति कार्यालय से अपना जवाब दाखिल करने को कहा।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा, ‘एक सदन में विपक्ष का नेता अवश्य होना चाहिए।’’

पीठ ने यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति कार्यालय की ओर से पेश अधिवक्ता एम एस ढींगरा द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगे जाने के बाद की।

 ⁠

पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई एक मई के लिए स्थगित कर दी।

सपा एमएलसी लाल बिहारी यादव ने अपनी याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें विपक्ष के नेता (एलओपी) के रूप में उनकी मान्यता वापस ले ली गयी है।

सदन के सभापति कार्यालय की अधिसूचना में कहा गया है कि एलओपी उस पार्टी से होगा जो सदन की कुल ताकत का कम से कम 10 प्रतिशत हासिल करती है।

सपा नेता ने अधिसूचना को रद्द करने की भी मांग की है।

भाषा सुरेश माधव

माधव


लेखक के बारे में