9 साल में मोदी सरकार के ये यादगार फैसले, जिसने कश्मीर से लेकर काशी तक इन धार्मिक स्थलों की बदल दी तस्वीर
These memorable decisions of Modi government in 9 years धार्मिक स्थलों से जुड़े काम भी किए गए। आज हम आपको उन 9 ऐसे फैसलों के बारे में बताएंगे
9 years of Modi government
These memorable decisions of Modi government : केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार 30 मई 2023 को अपने 9 साल पूरा करने वाली है। पहली बार 2014 के लोकसभा चुनावों में भारी जनादेश पाकर सत्ता में आई थी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि पीएम के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की सोच ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक में बदला है।
इसके अलावा धार्मिक स्थलों से जुड़े काम भी किए गए। आज हम आपको उन 9 ऐसे फैसलों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने जमकर सुर्खियां बटोरीं। उनके कार्यकाल के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा।
अमृतसर-डेरा बाबा नानक कॉरिडोर का डेवलपमेंट
सरकार ने पंजाब में अमृतसर-डेरा बाबा नानक कॉरिडोर को खोला गया। इसके बाद भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के करतारपुर में पवित्र गुरुद्वारा दरबार साहिब की यात्रा करने की इजाजत मिल गई।
करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलना
केंद्र सरकार की पहल के बाद नवंबर 2019 में करतारपुर कॉरिडोर को खोला गया। इससे भारतीय सिख तीर्थयात्री बिना वीजा के पाकिस्तान में ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की यात्रा कर सकते हैं। इस फैसले का मकसद सिख तीर्थयात्रियों उनके पवित्र धार्मिक स्थल तक पहुंचाना था।
अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण
नवंबर 2019 को देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। उसने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में अपना फैसला दिया था। इसके बाद मोदी सरकार ने सक्रिय रूप से लंबे समय से चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए तेजी से मंदिर के निर्माण के लिए पहल की। अब कहा जा रहा है कि साल 2024 के शुरुआत में मंदिर का उद्घाटन किया जा सकता है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
These memorable decisions of Modi government पीएम मोदी ने लगभग पांच साल बाद साल 2019 में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य गंगा नदी के तट पर वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को बेहतरीन बनाना था। आज ये बाबा विश्वनाथ की नगरी का स्वरूप ही बदल गया है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
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केदारनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार
साल 2013 में उत्तराखंड में तबाही आई थी, जिसमें केदारनाथ में न जाने कितने लोगों की जान चली गई। इसमें मंदिर को भी नुकसान पहुंचा था। इसके बाद मोदी सरकार ने केदारनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार की पहल की। इस पहल का उद्देश्य मंदिर कॉम्पेक्स को संरक्षित और विकसित करना और तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करना था।
जम्मू-कश्मीर में मंदिर का जीर्णोद्धार
जम्मू-कश्मीर में मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य मोदी सरकार के तहत उन प्रोजेक्ट्स में से एक है जिसके बारे में ज्यादा बात नहीं की गई है। 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद सरकार ने श्रीनगर सहित घाटी में कई मंदिर परिसरों में नवीनीकरण का काम किया है। सरकार ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर में 50,000 मंदिर थे।

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