हिंसा, पुलिस पर हमले में शामिल लोगों को ‘‘सिर्फ दस मिनट में सबक सिखाया जा सकता है’’: मित्रा

हिंसा, पुलिस पर हमले में शामिल लोगों को ‘‘सिर्फ दस मिनट में सबक सिखाया जा सकता है’’: मित्रा

हिंसा, पुलिस पर हमले में शामिल लोगों को ‘‘सिर्फ दस मिनट में सबक सिखाया जा सकता है’’: मित्रा
Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 pm IST
Published Date: September 19, 2022 12:21 am IST

कोलकाता, 18 सितंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता मदन मित्रा ने रविवार को यह टिप्पणी कर विवाद छेड़ दिया कि पश्चिम बंगाल सचिवालय तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मार्च के दौरान हिंसा और पुलिस पर हमलों में शामिल लोगों को ‘‘सिर्फ दस मिनट में सबक सिखाया जा सकता है।’’

हालांकि साथ ही राज्य के पूर्व मंत्री मित्रा ने यह भी कहा कि टीएमसी भाजपा की ‘‘विघटनकारी नीतियों’’ के प्रतिशोध में इस तरह की कार्रवाई के पक्ष में नहीं है।

मित्रा ने कहा कि वह केवल भाजपा को यह बताना चाहते हैं कि ‘‘टीएमसी क्या कर सकती है लेकिन उस हद तक नहीं जाएगी।’’

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भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने पलटवार करते हुए कहा कि टीएमसी नेता लगातार खतरनाक टिप्पणियां कर रहे हैं और उन्होंने लोगों का समर्थन खो दिया है।

विधायक मित्रा ने अपने कमरहाटी निर्वाचन क्षेत्र में एक जनसभा में कहा, ‘‘अगर पार्टी के शीर्ष स्तर से निर्देश मिले तो (मार्च के दौरान) गुंडागर्दी और तोड़फोड़ करने, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और टीएमसी तथा प्रशासन को धमकी देने वालों को पीटने में दस मिनट से ज्यादा समय नहीं लगेगा।’’

सिन्हा ने मित्रा पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘टीएमसी नेता लगातार खतरनाक टिप्पणियां कर रहे हैं क्योंकि वे आम लोगों का समर्थन खो रहे हैं। हम विपक्ष को डराने के लिए इन नेताओं द्वारा की जाने वाली ऐसी और टिप्पणियां देखेंगे। लेकिन टीएमसी के दिन गिने-चुने बचे हैं।’’

टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि भाजपा को बंगाल के लोगों का कोई समर्थन नहीं है, इसलिए सिन्हा जैसे नेताओं की टिप्पणियों को महत्व नहीं दिया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक विरोध मार्च के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प के चलते कोलकाता और हावड़ा जिले के कुछ हिस्से गत मंगलवार को संघर्ष के मैदान में तब्दील हो गए थे।

भाषा

देवेंद्र शोभना

शोभना


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