सरिस्का अभयारण्य में बाघों की संख्या बढ़ी, चार और शावकों का जन्म
सरिस्का अभयारण्य में बाघों की संख्या बढ़ी, चार और शावकों का जन्म
जयपुर, 30 मई (भाषा) राजस्थान के सरिस्का बाघ अभयारण्य में चार और शावकों का जन्म हुआ है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यह जानकारी दी। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘सरिस्का में नए मेहमानों का स्वागत है…. ‘सरिस्का’ में बाघों की संख्या में एक बड़ी वृद्धि हुई है, अब बाघों की संख्या 40 पर पहुंच गई है।’’
वीडियो एवं फोटो साझा करते हुए उन्होंने लिखा, ‘‘इसके साथ ही, बाघिन ‘एसटी 22’ ने चार शावकों को जन्म दिया है। (साथ ही) सरिस्का की बाघिन ‘एसटी 12’ का चौथा शावक कैमरे में नजर आया है। पहले, मार्च में तीन शावक देखे गए थे।’’
सरिस्का बाघ संरक्षण के इतिहास में 2008 में बाघों के पुनर्वास के बाद, पहली बार बाघिन ‘एसटी 12’ ने चार शावकों को जन्म दिया है और अब दूसरी बाघिन ‘एसटी 22’ को भी चार शावकों के साथ कैमरे में देखा गया है।
शर्मा ने कहा,‘‘हमारी सरकार गति एवं शक्ति के प्रतीक ‘बाघ’ के संरक्षण एवं उनके लिए पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने हेतु पूर्ण रूप से संकल्पित है।’’
दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला अरावली पहाड़ियों में स्थित सरिस्का अभयारण्य 1213.34 वर्ग किलोमीटर में फैला है। सरिस्का में 2005 में कोई बाघ नहीं बचा था। यहां 2008 में सवाई माधोपुर जिले के रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान से दो बाघ-बाघिन को लाकर बाघ पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किया गया था।
सरिस्का में बाघों के अलावा तेंदुए की बड़ी आबादी है। सरिस्का में सांभर, चीतल, नीलगाय और लंगूर आदि भी पाये जाते हैं।
भाषा पृथ्वी कुंज
राजकुमार
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