टिपरासा समझौता लागू नहीं होने की स्थिति में जिला परिषद चुनाव अकेले लड़ेगी टिपरा मोथा: प्रद्योत
टिपरासा समझौता लागू नहीं होने की स्थिति में जिला परिषद चुनाव अकेले लड़ेगी टिपरा मोथा: प्रद्योत
अगरतला, 21 दिसंबर (भाषा) टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने रविवार को कहा कि यदि टिपरासा समझौता लागू नहीं किया गया, तो उनकी पार्टी त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) चुनाव अकेले लड़ेगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी टीएमपी ने मार्च 2024 में केंद्र और राज्य सरकार के साथ स्थानीय मूल के लोगों के समग्र विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
वर्ष 2021 के टीटीएएडीसी चुनाव में भाजपा को टीएमपी से शिकस्त मिली थी, जो उस समय एक नवगठित क्षेत्रीय पार्टी थी।
देबबर्मा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘जब मुख्यमंत्री माणिक साहा स्वयं यह घोषणा कर चुके हैं कि भाजपा जनजातीय परिषद की सभी 28 सीट जीतेगी, तो इसमें कहने को क्या बचा है। अगर टिपरासा समझौता लागू नहीं किया गया, तो हम चुनाव अकेले लड़ेंगे, क्योंकि मैं अपने लोगों को धोखा नहीं दे सकता।’’
टीएमपी प्रमुख ने दावा किया कि केंद्र समझौता लागू करने के लिए तैयार था, लेकिन राज्य के कुछ नेता इसके क्रियान्वयन के विरोधी प्रतीत होते हैं।
देबबर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी कोकबोरोक लिपि के मुद्दे पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी, जो त्रिपुरा की अधिकांश जनजातीय समुदायों की मातृभाषा है।
उन्होंने कहा, ‘केंद्र और राज्य सरकार को कोकबोरोक लिपि के चयन के मामले में मूल लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। हम अपना रुख नहीं बदलेंगे। यह हमारा आंतरिक मामला है।’
बांग्लादेश की अस्थिर स्थिति पर देबबर्मा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को पूर्वोत्तर के लिए स्पष्ट नीति अपनानी चाहिए, क्योंकि सीमापार कट्टरपंथी सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अल्पसंख्यकों, विशेषकर मूल जनजातियों, पर बांग्लादेश में अत्याचार हो रहा है। कट्टरपंथी ताकतें बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतों को आश्रय देने की धमकी दे रही हैं। एक राष्ट्रवादी पार्टी इस अस्थिर स्थिति में मूकदर्शक नहीं रह सकती।’’
भाषा अमित सुभाष
सुभाष

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