टीएमसी ने एसआईआर सुनवाई केंद्रों में बीएलए के प्रवेश की मांग की
टीएमसी ने एसआईआर सुनवाई केंद्रों में बीएलए के प्रवेश की मांग की
कोलकाता, 29 दिसंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सुनवाई केंद्रों के अंदर राजनीतिक दलों के बूथ-स्तरीय एजेंट (बीएलए) की उपस्थिति उनका ‘लोकतांत्रिक अधिकार’ है, और यदि वह बीएलए को परिसर में प्रवेश करने से रोकने का इरादा रखता है तो उसे दिन के अंत तक लिखित अधिसूचना जारी करनी चाहिए।
मंत्री पार्थ भौमिक और शशि पांजा सहित टीएमसी के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज अग्रवाल से मुलाकात की और बंगाल में 1.36 करोड़ मतदाताओं के नामों को तत्काल प्रकाशित करने की मांग की, जिन्हें उनकी जनगणना प्रपत्रों में ‘तार्किक विसंगतियों’ के कारण सुनवाई नोटिस प्राप्त होने की संभावना है।
भौमिक ने कहा, ‘हमने सीईओ से कहा कि आयोग आज दिन के अंत तक एक नोटिस जारी करे जिसमें यह कहा जाए कि बीएलए (राजनीतिक संगठन) के सदस्यों को सुनवाई केंद्रों के अंदर आने की अनुमति नहीं है। हम उस नोटिस को अदालत में चुनौती देंगे। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें न केवल हमारी पार्टी के बल्कि सभी राजनीतिक दलों के बीएलए सदस्यों को सुनवाई सत्रों में भाग लेने की अनुमति देनी होगी। यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है।’
उन्होंने कहा कि बीएलए ने चुनाव आयोग को उसकी गणना के चरण में सहायता प्रदान की है और आयोग द्वारा उन्हें मनमाने ढंग से मतदाताओं के सत्यापन चरण का हिस्सा बनने से नहीं रोका जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘सीईओ ने हमें बताया है कि वह चुनाव आयोग से परामर्श करेंगे और आयोग के फैसले के बारे में लोगों को सूचित करेंगे। अगर वह अपना वादा पूरा नहीं करते हैं तो हम उनके कार्यालय जाएंगे।’
टीएमसी का यह कदम एसआईआर की सुनवाई के स्थलों पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों की खबरों के बीच आया है, जिससे परिसर में बीएलए-दो के प्रवेश की मांग को लेकर कई क्षेत्रों में सत्यापन कार्य बाधित हुआ है।
हुगली जिले के चिनसुराह-मोगरा ब्लॉक कार्यालय में, टीएमसी विधायक असित मजूमदार द्वारा बीएलए को बाहर रखे जाने पर आपत्ति जताने के बाद सुनवाई अस्थायी रूप से रोक दी गई, जबकि दक्षिण 24 परगना के मगराहाट में, इसी तरह के मुद्दों पर एक आयोग के पर्यवेक्षक का घेराव किया गया और उनके वाहन को नुकसान पहुंचाया गया।
भाषा तान्या नरेश
नरेश

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