टीएमसी ने बंगाल में एसआईआर की प्रभावशीलता पर संदेह जताया, विरोध करने का संकल्प लिया

टीएमसी ने बंगाल में एसआईआर की प्रभावशीलता पर संदेह जताया, विरोध करने का संकल्प लिया

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  • Publish Date - August 17, 2025 / 10:46 PM IST,
    Updated On - August 17, 2025 / 10:46 PM IST

कोलकाता, 17 अगस्त (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने निर्वाचन आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की ‘प्रभावशीलता’ पर रविवार को संदेह जताया। पार्टी ने वास्तविक मतदाताओं के नाम हटाने के आयोग के किसी भी कदम का विरोध करने का संकल्प लिया।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में कहा कि पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा उचित समय पर की जाएगी।

उन्होंने कहा कि एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची में सभी कमियों को दूर करना है और यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल इसके बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं।

टीएमसी प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम भी चाहते हैं कि एक भी मृत मतदाता का नाम मतदाता सूची में न रहे। फिर 2024 के आम चुनाव उसी मतदाता सूची के आधार पर कैसे हुए? निर्वाचन आयोग को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या 2024 के चुनाव त्रुटिपूर्ण मतदाता सूची के आधार पर हुए थे, जैसा कि हमारे नेता अभिषेक बनर्जी ने दोहराया है?’’

मजूमदार ने कहा कि पार्टी को ‘‘पश्चिम बंगाल में एसआईआर की प्रभावशीलता और निर्वाचन आयोग की मंशा पर गंभीर संदेह है।’’

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘माननीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त महोदय, कृपया यह न मानें कि हमारी औसत बुद्धिमत्ता भाजपा कार्यकर्ताओं के समान है। आज की प्रेस वार्ता के दौरान आपके दावे हास्यास्पद थे।’’

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने निर्वाचन आयोग का समर्थन करते हुए कहा कि आयोग ने बिहार में बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं का पता लगाया है। उन्होंने सवाल किया, “अगर पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर लागू होगा, तो तृणमूल कांग्रेस इसका विरोध क्यों कर रही है। क्या वे (तृणमूल कांग्रेस) डरे हुए हैं?”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘सिर्फ एसआईआर लागू करने से ही 22 लाख रोहिंग्या/बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम सूची से हटेंगे और निर्वाचन आयोग की निगरानी में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संभव होंगे।’’

भाषा

अमित पारुल

पारुल