तिरुवनंतपुरम, पांच फरवरी (भाषा) केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ ने बुधवार को केआईआईएफबी कोष से निर्मित सड़कों पर टोल वसूलने के राज्य सरकार के कदम को उचित ठहराते हुए कहा कि इस योजना से उसके गठबंधन सहयोगियों के बीच किसी तरह के मतभेद की संभावना नहीं है।
वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के संयोजक टी.पी. रामकृष्णन ने कहा कि मोर्चे ने पहले ही राजस्व सृजन के संबंध में रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि मामले के अन्य पहलुओं, जैसे कि कुल कितना राजस्व एकत्र किया जा सकता है, पर राज्य मंत्रिमंडल द्वारा फैसला किया जाएगा।
रामकृष्णन ने कहा, ‘‘एलडीएफ के भीतर (टोल मुद्दे को लेकर) कोई मतभेद होने की संभावना नहीं है। यदि गठबंधन सहयोगियों को कोई चिंता है, तो इस मामले पर चर्चा की जाएगी।’’
कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ ने हालांकि, ‘केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड’ (केआईआईएफबी) की सड़कों पर टोल लगाने की कथित योजना पर पिनराई विजयन सरकार की आलोचना तेज कर दी है और इस कदम को जनता को लूटने के समान बताया है।
विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने वामपंथी सरकार की निंदा करते हुए कहा कि यूडीएफ इस फैसले का कड़ा विरोध करेगा।
उन्होंने कहा कि केआईआईएफबी की सड़कों का निर्माण करदाताओं के पैसे और ईंधन उपकर से किया गया है। सतीशन ने सवाल किया कि सरकार के पास उन्हीं सड़कों के लिए जनता से फिर से टोल वसूलने का क्या औचित्य है।
कांग्रेस ने राज्य सरकार के टोल वसूलने के कदम के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
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शफीक प्रशांत
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