(रोमित भट्टाचार्य)
कोलकाता, 25 मार्च (भाषा) बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्स्टेक) के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 के प्रकोप के बाद पिछले दो वर्षों में बिम्स्टेक के सदस्य देशों के लिए महामारी से संबंधित संकट और अन्य लोक स्वास्थ्य मुद्दों से निपटना एक महत्वपूर्ण एजेंडा बन गया है।
बिम्स्टेक के महासचिव तेनजिन लेकफेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि लोक स्वास्थ्य मामलों पर समन्वय और योजना बनाने के लिए श्रीलंका की पहचान अग्रणी देश के रूप में की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 ने हमें एहसास दिलाया कि महामारी और स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण एजेंडा है, और एक क्षेत्र के रूप में, हमें एक साथ आना होगा।’’
वह बिम्स्टेक की दो दिवसीय बैठक के इतर बोल रहे थे। बिम्स्टेक में बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमा और थाईलैंड सदस्य देश हैं।
लेकफेल ने कहा कि बिम्स्टेक के सहयोग के 14 क्षेत्रों को भी सात क्षेत्रों और उप-क्षेत्रों में युक्तिसंगत बनाकर सुधार किया गया है।
ध्यान वाले मुख्य क्षेत्र व्यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन विकास, पर्यटन, कृषि, ऊर्जा और बुनियादी ढांचा और परिवहन हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सदस्य देश को एक क्षेत्र का नेतृत्व करने का अधिकार दिया गया है, जिससे स्वामित्व का निर्माण और बेहतर स्थानीय सहयोग सुनिश्चित किया जा सके।
लेकफेल ने कहा, ‘‘बिम्स्टेक सहयोग के लिए एक मंच के रूप में काफी संभावनाएं रखता है। हमारे संस्थान, तंत्र और कानूनी ढांचे अधिक मजबूत हो रहे हैं। मंत्रिस्तरीय बैठकें और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकें नियमित हो रही हैं और भागीदारी बढ़ रही है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि बेंगलुरु में एक बिम्स्टेक ‘ऊर्जा केंद्र’ स्थापित किया जाएगा, जहां नीतिगत, विशेष रूप से ऊर्जा और बिजली से संबंधित मामलों पर चर्चा और विचार-विमर्श किया जाएगा। लेकफेल ने कहा, ‘‘इस केंद्र का उद्घाटन जून में किया जाएगा।’’
भाषा आशीष दिलीप
दिलीप
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