कोविड के कारण पश्चिम बंगाल में नहीं दिखा रथयात्रा का परंपरागत उल्लास

कोविड के कारण पश्चिम बंगाल में नहीं दिखा रथयात्रा का परंपरागत उल्लास

कोविड के कारण पश्चिम बंगाल में नहीं दिखा रथयात्रा का परंपरागत उल्लास
Modified Date: November 29, 2022 / 08:55 pm IST
Published Date: July 12, 2021 10:50 am IST

कोलकाता, 12 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल में पिछले साल की तरह इस साल भी रथ यात्रा का पारंपरिक उल्लास सोमवार को नहीं दिखा, क्योंकि प्रदेश के हुगली जिले के बहुत प्रतिष्ठित महेश मंदिर के प्राधिकारियों ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये लागू पाबंदियों के मद्देनजर सभी उत्सवों को रद्द कर दिया था।

इसके साथ ही कोलकाता और मायापुर के इस्कॉन मंदिरों ने इस समारोह को बेहद शांत तरीके से मनाया ।

कोलकाता के इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) मंदिर में भगवान जगन्नाथ की यात्रा के लिए अनुष्ठान के हिस्से के रूप में, उनके भाई-बहनों के साथ एक काफिले में यात्रा की व्यवस्था की गई है। इस्कॉन मंदिर को इस साल महामारी के कारण 50 वां समारोह रोक देना पड़ा । परंपरा के अनुरुप इस साल सड़क पर कोई रथयात्रा नहीं निकाली जायेगी ।

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मायापुरी स्थित इस्कॉन मुख्यालय के प्रांगण में एक अस्थायी गुंडिचा मंदिर स्थापित किया गया है, जहां तीनों देवता – श्री जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा देवी – नौ दिनों तक रहेंगे।

इसी प्रकार, महेश मंदिर के अधिकारियों ने सभी अनुष्ठान संपन्न किये और कुछ ही स्थानीय लोगों ने वहां दर्शन किये और पूजा अर्चना की । परिसर में ही इस अवसर पर एक छोटा रथ खींचा गया ।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस्कॉन मंदिर में देवताओ के लिये प्रसाद भेजा ।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘रथ यात्रा के इस पावन अवसर पर मैं सभी को शुभकामना देती हूं । भगवान जगन्नाथ से मैं अपने सभी भाई बहनों की सुरक्षा और स्वस्थ्य रहने की कामना करती हूं । जय जगन्नाथ ।’’

भाषा रंजन नरेश

नरेश


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