Publish Date - November 25, 2025 / 06:19 PM IST,
Updated On - November 25, 2025 / 06:21 PM IST
HIGHLIGHTS
HRTC में अब साल में सिर्फ एक बार ट्रांसफर होंगे।
पहली बार SS और FS फार्मूला लागू किया गया।
ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और समयबद्ध होगी।
शिमला।Transfer Rule Changeहिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) ने अपनी तबादला नीति में व्यापक सुधार करते हुए साल में केवल एक बार ट्रांसफर किए जाने का निर्णय लिया है। यह फैसला जुलाई में हुई निदेशक मंडल की बैठक में लिया गया था, जिसके बाद निगम प्रबंधन निदेशक डा. निपुण जिंदल ने नई नीति की अधिसूचना जारी कर दी है।
नई ट्रांसफर नीति की मुख्य बातें
Transfer Rule Change नई नीति के अनुसार अब कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से ही होंगे। कर्मचारी अपनी पसंद के चार स्टेशन का विकल्प दे सकेंगे। आवेदन से लेकर तैनाती तक की प्रक्रिया को समयबद्ध करने का प्रावधान भी जोड़ा गया है। इस बार HRTC ने पहली बार तबादलों में सैंक्शन स्ट्रेंथ (SS) और फंक्शनल स्ट्रेंथ (FS) का फार्मूला लागू किया है। यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हर डिपो में पदों और उपलब्ध कर्मचारियों के बीच संतुलन सुनिश्चित किया जा सकेगा। नई नीति चालक, परिचालक, तकनीकी (वर्कशॉप) स्टाफ, मिनिस्ट्रियल और चेकिंग स्टाफ पर लागू होगी।
कमेटी करेगी तबादलों का चयन
10 से 31 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे।
फरवरी में निगम मुख्यालय आवेदन की छंटनी करेगा।
इसके बाद HRTC के एमडी तबादला कमेटी गठित करेंगे।
15 मार्च तक तबादला आदेश जारी होंगे।
31 मार्च तक कर्मचारी आपत्ति दर्ज करा सकेंगे।
ट्रांसफर होने पर 5 अप्रैल तक रिलीव करना अनिवार्य होगा।
तबादले के लिए अनिवार्य पात्रता
पहली जनवरी तक वर्तमान स्थान पर कम से कम तीन वर्ष पूरा होना जरूरी। तभी आवेदन स्वीकार होगा।
जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति दो वर्ष के भीतर है उन्हें अनिवार्य तबादलों से छूट दी जाएगी।
म्यूचुअल आधार पर तबादले के लिए भी तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होना चाहिए। उनका अनुरोध केवल म्यूचुअल/आपरिवर्तनीय समझौते के आधार पर स्वीकृत होगा।
तबादला आवेदन आनलाइन ही स्वीकार होगा।
ऐसे कर्मचारी जिनके स्थान पर विविध कारणों से उपयुक्त प्रतिस्थापन उपलब्ध नहीं है (विशेषज्ञ/टेक्नीशियन इत्यादि), उनके मामले ट्रांसफर कमेटी की सिफारिश पर छूट के तहत रखे जा सकते हैं।
व्यक्तिगत या चिकित्सा कारणों से छूट के लिए कर्मचारी आवेदन कर सकते हैं। ऐसे मामलों में मेडिकल बोर्ड की सिफारिश और प्रामाणिक दस्तावेज आवश्यक होंगे।
पति-पत्नी दोनों एचआरटीसी में कार्यरत हैं तो सह तैनाती का प्रयास किया जाएगा। विशेषकर जब किसी एक ने आवश्यक अवधि पूरी कर ली हो।
जनजातीय क्षेत्रों में तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारी गैर जनजातीय क्षेत्रों में बदले जाएंगे।