झारखंड में ‘पेसा’ नियमों की मंजूरी का आदिवासी समुदायों ने जश्न मनाया

झारखंड में ‘पेसा’ नियमों की मंजूरी का आदिवासी समुदायों ने जश्न मनाया

झारखंड में ‘पेसा’ नियमों की मंजूरी का आदिवासी समुदायों ने जश्न मनाया
Modified Date: December 24, 2025 / 08:19 pm IST
Published Date: December 24, 2025 8:19 pm IST

रांची, 24 दिसंबर (भाषा) झारखंड के आदिवासी समुदायों के लोगों ने बुधवार को यहां ‘पेसा महोत्सव’ मनाया। यह आयोजन राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुसूचित क्षेत्र का पंचायत विस्तार (पेसा) अधिनियम के तहत नियमों को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद किया गया।

आदिवासी परिधानों में सजे पुरुष और महिलाएं इस अवसर का जश्न मनाने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोहरदगा के विधायक रामेश्वर उरांव के आवास पर एकत्र हुए। उन्होंने ढोल बजाए तथा एक-दूसरे को गुलाल लगाकर खुशी जताई।

उन्होंने झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को पेसा नियम, 2025 को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद दिया।

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अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों के अधिकारों को मान्यता देने वाला यह अधिनियम 1996 में लागू किया गया था, लेकिन 2000 में एक अलग राज्य के गठन के बाद, नियमों के अभाव में झारखंड में इस कानून को लागू नहीं किया जा सका।

झारखंड के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘पेसा नियमों के अभाव में ग्राम सभाओं को इस अधिनियम के तहत प्रदान की गई शक्तियां नहीं दी जा सकी थीं। मंत्रिमंडल द्वारा नियमों को मंजूरी देने के बाद, ग्राम सभाओं को अब प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और भूमि अधिग्रहण की सहमति जैसी शक्तियां प्राप्त होंगी।’’

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान मंगलवार को पेसा नियमों को मंजूरी दी गई।

पंचायती राज निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नियमों का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली नीशा ओरांव ने कहा, ‘‘हम इस घटनाक्रम से बेहद खुश हैं। मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगी कि मैंने अकेले इन नियमों का मसौदा तैयार नहीं किया है। जनजातीय अनुसंधान संस्थान (टीआरआई), पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों तथा अन्य हितधारकों सहित कई लोगों ने नियमों का मसौदा तैयार करने में सहयोग दिया है।’’

उन्होंने कहा कि यह कानून, जो कई वर्षों तक केवल कागजों पर ही था, अब लागू हो जाएगा।

भाषा तान्या शफीक

शफीक


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