त्रिपुरा के जनजातीय उद्यमी ने बांस की पत्तियों से तैयार की चाय

त्रिपुरा के जनजातीय उद्यमी ने बांस की पत्तियों से तैयार की चाय

त्रिपुरा के जनजातीय उद्यमी ने बांस की पत्तियों से तैयार की चाय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:30 pm IST
Published Date: May 24, 2021 11:03 am IST

अगरतला, 24 मई (भाषा) चीन और जापान से प्रेरणा लेते हुए त्रिपुरा के एक जनजातीय उद्यमी ने बांस की पत्तियों से, तरोताजा करने वाला एक पेय तैयार किया है और उसे ‘बैम्बू लीफ टी’ नाम दिया है।

भारत और विदेश में इस उत्पाद के विपणन के लिए अन्य राज्यों के व्यवसायी भी तैयार हैं।

गोमती जिले के दूरदराज के गांव गरजी के निवासी 36 वर्षीय समीर जमतिया बांस की तकनीक के जानकार हैं और उन्होंने अपने पेशे में काम करने के दौरान कई साल चीन में बिताए हैं तथा जापान, वियतनाम, कंबोडिया की यात्राएं भी की हैं।

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इस दौरान उन्होंने उक्त पेय तैयार करने की प्रक्रिया का गहराई से अध्ययन किया। जमतिया ने बताया कि इस पेय में एंटी ऑक्सीडेंट तथा एंटी बायोटिक गुण भरपूर मात्रा में हैं।

उन्होंने कहा कि चाय के शौकीनों और व्यवसायियों और तमिलनाडु के निर्यातकों तक ने इसमें रुचि दिखाई है।

जमतिया, ‘बैम्बू सोसाइटी ऑफ इंडिया’ के सदस्य हैं और उन्होंने इससे पहले भी त्रिपुरा में अधिक मात्रा में उगने वाली घास से चावल के उत्पादन में उल्लेखनीय योगदान दिया था।

उन्होंने बताया कि बांस की पत्तियों की चाय के नमूनों को दिल्ली और मदुरै के व्यापारियों ने खरीदा है।

उन्होंने कहा, “दिल्ली के एक निर्यातक को पांच सौ किलोग्राम चाय की आपूर्ति की गई है जो विदेश में इसका विपणन कर रहे हैं। मदुरै के एक व्यापारी त्रिपुरा आए और उन्होंने यहां तीन दिन रहकर निर्माण की प्रक्रिया को समझा। वह भी इस चाय को ब्रिटेन और जर्मनी में निर्यात करना चाहते हैं।”

उन्होंने बताया कि वर्तमान में बांस की पत्तियों की एक किलोग्राम चाय का मूल्य 120 रुपये है।

भाषा यश नरेश

नरेश


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