Speech of Turkish President Recep Tayyip Erdoğan at G20 summit
नई दिल्ली। देश की राजधानी में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। 9 सितंबर से शुरू हुए इस सम्मेलन में देश-विदेश के कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। भारत ने पहली बार इस सम्मेलन की मेजबानी की। बता दें कि यह प्रोग्राम दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया गया था। वहीं, G20 शिखर सम्मेलन में अपने स्पीच के दौरान तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने अपनी कुछ बातें रखी।
भारत में हो रहे #G20 शिखर सम्मेलन में अपने स्पीच के दौरान तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा, कि “एक दुनिया, एक फैमिली, एक भविष्य, यह विचार बहुत अच्छा है। लेकिन, इस विचार को नुकसान तब पहुंचता है जब इस्लामोफोबिया, ज़ेनोफोबिया एक महामारी की तरह फैलने लगता है। जब मुस्लिस पर क्रूर हमला होता है, तब बड़े बड़े लोकतंत्र वाले देश व मानवाधिकार आयोग तीन बंदर बन जाते है– न देखते है, न बोलते है, न सुनते है।
राष्ट्रपति रज्जब तैय्यब एर्डोगन ने आगे कहा कि जिस तरह से कुरआन शरीफ की बेहुरमती की जाती है, यह अधिवक्ता की आज़ादी नही है, यह हेट क्राइम है। यह सब देख कर अगर आप यह सोचते है कि हम चुप रहेंगे, तो यह बिल्कुल भी नही होगा। जिन-जिन देशों पर इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लग रहा है, उन सभी देश को इस्लामोफोबिया के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कानून बनाना चाहिए और कानून में संशोधन करना चाहिए”।