Tamilnadu Road Accident News/ Image Credit: IBC24 File Photo
कोटा: राजस्थान के झालावाड़ जिले के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के कुछ घंटों के भीतर दो महिलाओं की मौत हो गई, जिसके बाद उनके परिजनों और रिश्तेदारों ने परिसर में तोड़फोड़ की और रविवार को लघु सचिवालय के सामने सड़क जाम कर दी। झालावाड़ के जिलाधिकारी ने लापरवाही के आरोपों सहित मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया, जबकि एक चिकित्सक और पांच अन्य चिकित्सा कर्मचारियों को जांच लंबित रहने तक ड्यूटी से हटा दिया गया।
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मध्यप्रदेश के गरोठ निवासी रेशमा की शनिवार अपराह्न करीब डेढ़ बजे बच्ची को जन्म देने के बाद तबीयत बिगड़ गई और तीन बजे उसकी मौत हो गई। उसके रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि जब उसकी हालत बिगड़ी तो चिकित्सकों ने उसका इलाज नहीं किया। कोटा के रामगंजमंडी क्षेत्र निवासी 20 वर्षीय कविता मेघवाल की भी लगभग उसी समय उसी अस्पताल में अपराह्न करीब एक बजकर 40 मिनट पर एक लड़के को जन्म देने के बाद मौत हो गई। कविता के परिजनों ने दावा किया कि वार्ड में एक मरीज की मौत देखकर सदमे में आने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई।
प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि रेशमा की मौत अत्यधिक रक्तस्राव से हुई, जबकि कविता को दिल का दौरा पड़ा। हालांकि, झालावाड़ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी साजिद खान के अनुसार, उनकी मौत के वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्पष्ट होंगे। दोनों महिलाओं के गुस्साए परिजनों ने कथित तौर पर अस्पताल में तोड़फोड़ की और हंगामा किया। आरोप है कि शनिवार दोपहर को उन्होंने प्रसव कक्ष के शीशे तोड़ दिए और चिकित्सा कर्मचारियों के साथ मारपीट की। पुलिस और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और उन्हें शांत करने की कोशिश की। हालांकि, परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर रविवार को झालावाड़ में लघु सचिवालय के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग-52 को जाम कर दिया। भवानीमंडी थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रेशमा के पति की शिकायत पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 194 (अप्राकृतिक मौत की जांच के लिए) के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारी ने बताया कि दूसरी महिला की मौत के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है।