नई दिल्ली। भारत में आधार कार्ड की सुरक्षा को लेकर बहुत समय से विवाद चल रहा है। जिसे लेकर हाल ही में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा है कि वह आधार के लिए फेस रिकॉग्निशन तकनीक (चेहरा पहचानने) पर काम कर रही है। लेकिन इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि आधार के सॉफ्टवेयर को हैक कर लिया गया है।
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ज्ञात हो कि हफिंगटनपोस्ट डॉट इन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि आधार कार्ड का सॉफ्टवेयर हैक किया जा चुका है और भारत के करीब एक अरब लोगों की निजी जानकारी दांव पर लगी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आधार कार्ड के सॉफ्टवेयर एक लूपहोल (गड़बड़ी) है जिसकी मदद से एक सॉफ्टवेयर के जरिए दुनिया के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति किसी के भी नाम से वास्तविक आधार कार्ड बना सकता है।यहाँ ये भी जानना जरुरी है कि सॉफ्टवेयर निर्माता का कहना है कि जिस सॉफ्टवेयर से हैक करने की बात कही जा रही है उसकी कीमत भी मात्र सिर्फ 2,500 रुपये है। हफिंगटनपोस्ट डॉट इन का दावा कि उसने तीन महीने की जांच के बाद इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में दुनियाभर के 5 एक्सपर्ट की मदद ली गई है। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अभी भी इस सॉफ्टवेयर का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। दरअसल इस सॉफ्टवेयर की मदद से आधार की सिक्योरिटी फीचर को बंद किया जा सकता है और नया आधार तैयार किया जा सकता है।
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रिपोर्ट में कहा गया है यूआईडीएआई ने जब टेलीकॉम कंपनियों और अन्य प्राइवेट कंपनियों को आधार का एक्सेस दिया था उसी दौरान यह सुरक्षा खामी सामने आई और अब दुनिया के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति इसका गलत फायदा उठा सकता है।
वेब डेस्क IBC24
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