नीदरलैंड में राष्ट्रपति कोविंद की वार्ता में उठ सकता है यूक्रेन संकट का मुद्दा : विदेश मंत्रालय

नीदरलैंड में राष्ट्रपति कोविंद की वार्ता में उठ सकता है यूक्रेन संकट का मुद्दा : विदेश मंत्रालय

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  • Publish Date - March 30, 2022 / 08:02 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगले हफ्ते नीदरलैंड की यात्रा के दौरान डच नेतृत्व के साथ वार्ता में रूस-यूक्रेन संघर्ष का मुद्दा उठ सकता है और वह इस विषय पर भारत के ‘स्पष्ट रुख’ को दोहराएंगे। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम), संजय वर्मा ने एक अप्रैल से शुरू हो रही राष्ट्रपति कोविंद की तुर्कमेनिस्तान और नीदरलैंड की सप्ताह भर लंबी यात्रा पर संवाददाता सम्मेलन में यह कहा। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों देशों के नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे।

वर्मा ने बताया कि तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति के न्योते पर, राष्ट्रपति कोविंद वहां की एक से चार अप्रैल तक राजकीय यात्रा करेंगे।

उन्होंने कहा कि यह भारत के राष्ट्रपति की स्वतंत्र तुर्कमेनिस्तान की अब तक की पहली यात्रा होगी, जो वहां के नये राष्ट्रपति सरदार बेर्दीमुहामेदोव के शपथ ग्रहण के कुछ ही दिनों बाद हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा न सिर्फ तुर्कमेनिस्तान के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध के महत्व की पुन:पुष्टि करेगी, बल्कि हमारे विस्तारित पड़ोस की अवधारणा और भारत-मध्य एशिया साझेदारी के संदर्भ को भी प्रदर्शित करेगी।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (तापी) पाइपलाइन के मुद्दे पर भी बातचीत होगी, वर्मा ने कहा , ‘‘(तापी पर) वार्ता जारी है…तापी पर यह बातचीत 20वीं सदी के अंतिम वर्षों में शुरू हुई थी। ’’

उन्होंने यह भी कहा कि तुर्कमेनिस्तान के नेतृत्व के साथ राष्ट्रपति की वार्ता के दौरान अफगानिस्तान का भी जिक्र आएगा।

वर्मा ने बताया कि नीदरलैंड की राजकीय यात्रा के बाद राष्ट्रपति चार अप्रैल से सात अप्रैल तक तुर्कमेनिस्तान की यात्रा करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान डच (नीदरलैंड के) नेतृत्व के साथ यूक्रेन संकट पर चर्चा होगी, वर्मा ने कहा, ‘‘यदि यह मुद्दा उठता है तो इसमें आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए। यूक्रेन पर हमारा रुख स्पष्ट है और यूरोप में हमारे मित्रों के साथ तालमेल है। हमारा रुख विशिष्ट है और यह पिछले चार हफ्तों के दौरान बताया गया है।’’

भाषा सुभाष नरेश

नरेश