भारत, अफ्रीका के समक्ष पेश आने वाली साझा चुनौतियों पर यूनेस्को इंडिया-अफ्रीका हैकॉथन में चर्चा |

भारत, अफ्रीका के समक्ष पेश आने वाली साझा चुनौतियों पर यूनेस्को इंडिया-अफ्रीका हैकॉथन में चर्चा

भारत, अफ्रीका के समक्ष पेश आने वाली साझा चुनौतियों पर यूनेस्को इंडिया-अफ्रीका हैकॉथन में चर्चा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : November 23, 2022/9:26 pm IST

नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) शिक्षा मंत्रालय एवं विदेश मंत्रालय ने 36 घंटे तक चलने वाले यूनेस्को इंडिया-अफ्रीका हैकॉथन का आयोजन किया है जिसमें भारत और अफ्रीकी देशों के छात्र, शिक्षक, प्रशिक्षक व शोध क्षेत्र से जुड़े लोग साझा चुनौतियों का समाधान तलाशने पर मंथन कर रहे हैं ।

शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार से शुरू हुए हैकॉथन का आयोजन नोएडा स्थित गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में किया गया है। इसमें मेजबान भारत के अलावा 22 देश हिस्सा ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इन देशों में बोत्सवाना, कैमरून, इक्वेटोरियल गिनी, एस्वातिनी, इथोपिया, गाम्बिया, घाना, गिनी बिसाउ, लेसोथो, टोगो,मलावी, माली, मॉरिशस, केन्या, सियारालियोन, मोरक्को, मोजांबिक, नामिबिया, नाइजर, तंजानिया, उगांडा और जिम्बाव्वे शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा कि हैकॉथन अफ्रीका और अतिथि देशों तथा भारत को शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गठजोड़ के माध्यम से आर्थिक विकास को गति प्रदान करने का अवसर प्रदान करता है।

यूनेस्को इंडिया-अफ्रीका हैकॉथन 22 से 25 नवंबर तक चलेगा । इसके मुख्य विषयों में शिक्षा, ऊर्जा, पेयजल एवं स्वच्छता, कृषि तथा स्वास्थ्य एवं स्वच्छता शामिल हैं । इसमें शिक्षा शीर्षक के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल क्रांति की शक्ति के उपयोग तथा भारत एवं अफ्रीकी देशों को ‘‘सभी के लिए शिक्षा’’ का लक्ष्य हासिल करने के विषय पर मंथन किया जा रहा है।

हैकॉथन में ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया में बदलाव लाने के लिए टिकाऊ विकास लक्ष्यों के अनुरूप नवोन्मेषी विचार को अपनाने एवं उनका उपयोग करने पर चर्चा की जा रही है। इसमें हिस्सा लेने वाले पेयजल एवं स्वच्छता के विषय में इन देशों के सहभागी प्रदूषण कम करके जल की गुणवत्ता को बेहतर बनाने, हानिकारक रासायनिक पदार्थों एवं वस्तुओं को फेंकना कम करने के बारे में रास्ते तलाशेंगे।

कृषि क्षेत्र में सतत खाद्य उत्पादन प्रणाली सुनिश्चित करने एवं उत्पादकता बढ़ाने तथा पर्याप्त साफ-सफाई के जरिये सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने पर भी मंथन हो रहा है।

भाषा दीपक अमित पवनेश

पवनेश

 

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