नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारतीय रेलवे को संचार और सिग्नलिंग प्रणाली में सुधार के लिए 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में पांच मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन को मंजूरी दी।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे रेलवे को यात्रियों की सुरक्षा में सुधार करने में मदद मिलेगी।
रेलवे ने एक बयान में कहा कि इस स्पेक्ट्रम के साथ भारतीय रेलवे अपने मार्ग पर ‘एलटीई’ आधारित मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार प्रदान कर सकेगा। करीब 25,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना को अगले पांच वर्षों में पूरा किया जाएगा।
रेलवे अभी अपने संचार नेटवर्क के लिए ऑप्टिकल फाइबर पर निर्भर है, लेकिन नए स्पेक्ट्रम के आवंटित होने के बाद वह तेज रफ्तार वाले रेडियो का उपयोग कर सकेगा।
जावड़ेकर ने कहा कि इस आवंटन से रेलवे के संचार और सिग्नलिंग नेटवर्क दोनों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
एक सरकारी प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘कैबिनेट ने भारतीय रेल को स्टेशनों और ट्रेनों में सुरक्षा तथा सुरक्षा सेवाओं के लिए 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में पांच मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन को मंजूरी दी, इस पर अनुमानित निवेश 25,000 करोड़ रुपये से अधिक है, यह परियोजना अगले पांच वर्षों में पूरी होगी।’
रेलवे ने अपने बयान में कहा कि इससे रेलवे के परिचालन और रखरखाव व्यवस्था में रणनीतिक बदलाव आएगा। इससे मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग कर अधिक ट्रेनों को समायोजित करने के लिए लाइन क्षमता बढ़ाने तथा सुरक्षा में सुधार लाने में मदद मिलेगी। बयान में कहा गया है कि आधुनिक रेल नेटवर्क से परिवहन लागत कम होगी वहीं उच्च दक्षता प्राप्त होगी। साथ ही इससे ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को पूरा करने और रोजगार पैदा करने के लिए विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की खातिर बहुराष्ट्रीय उद्योग आकर्षित होंगे।
इसके अतिरिक्त भारतीय रेलवे ने स्वदेश में विकसित स्वचालित ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली को मंजूरी दी है।
भारतीय रेलवे के अनुसार एलटीई (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन) का मकसद परिचालन, सुरक्षा आदि के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद आवाज, वीडियो और आंकड़े संबंधी संचार सेवाएं मुहैया कराना है।
भाषा अविनाश माधव
माधव
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