Union Home Minister Amit Shah has said that terrorism should not be linked to any religion, nation or group

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का टेरर फंडिंग पर बड़ा बयान, कहा- इसे किसी धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए

Amit shah on Terror Funding: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्र या ग्रुप से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : November 18, 2022/11:54 pm IST

Amit shah on Terror Funding: नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्र या ग्रुप से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। गृह मंत्री ने “ग्लोबल ट्रेंड्स इन टेररिस्ट फाइनेंसिंग एंड टेररिज्म” थीम पर दिल्ली में आयोजित ‘नो मनी फॉर टेरर’ इंटर मिनिस्टरीयल कांफ्रेंस में अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा, “हम सभी मानते हैं कि आतंकवाद का खतरा किसी धर्म, राष्ट्रीयता या किसी समूह से जुड़ा नहीं हो सकता और नहीं होना चाहिए।”

दो दिवसीय कांफ्रेंस में दुनियाभर के 450 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है, जिसमें कई देशों के मंत्री, मल्टिलेटरल ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। कांफ्रेंस में दिए अपने संबोधन में गृह मंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, ‘भारत कई दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है, जिसे सीमा पार से प्रायोजित किया जाता है।’

आतंकवादी की रक्षा, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “भारतीय सुरक्षा बलों और नागरिकों को निरंतर और समन्वित तरीके से बेहद गंभीर आतंकवादी हिंसा की घटनाओं से निपटना पड़ा है।” उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैसे कुछ देश आतंकवाद से लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक संकल्प को कमजोर करना चाहते हैं या यहां तक ​​कि बाधा डालना चाहते हैं। अमित शाह ने कहा, “हमने देखा है कि कुछ देश आतंकवादियों की रक्षा करते हैं और उन्हें आश्रय देते हैं, एक आतंकवादी की रक्षा करना आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है।” उन्होंने कहा, “यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी होगी कि ऐसे तत्व अपने मंसूबों में कभी कामयाब न हों।”

PAK को ग्रे लिस्ट से बाहर किए जाने के बाद शाह का बयान

वैश्विक आतंकवाद विरोधी निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स द्वारा चार साल बाद 22 अक्टूबर को पाकिस्तान को अपनी “ग्रे लिस्ट” से हटाए जाने के एक महीने बाद अमित शाह की यह टिप्पणी आई है। ग्रे लिस्ट में उन देशों को शामिल किया जाता है, जिनपर टेरर फंडिंग जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर कड़ी निगरानी रखी जाती है। इस लिस्ट में पाकिस्तान को शामिल कर दिया गया था। इसकी वजह से पाकिस्तान को गंभीर आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा। इस लिस्ट में शामिल देशों को ग्लोबल मोर्चे से फंडिंग हासिल करना मुश्किल हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस लिस्ट में शामिल देशों पर दुनिया का विश्वास कम होता है।

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