टैगोर के रंग को लेकर केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी से उपजा विवाद

टैगोर के रंग को लेकर केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी से उपजा विवाद

टैगोर के रंग को लेकर केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी से उपजा विवाद
Modified Date: November 29, 2022 / 08:51 pm IST
Published Date: August 19, 2021 12:21 pm IST

Union ministers remarks on Tagore colour

शांतिनिकेतन/कोलकाता, 18 अगस्त (भाषा) केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने बुधवार को अपनी उस टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया कि नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर की मां ने बचपन में उन्हें गोद में इसलिए नहीं लिया क्योंकि ”उनका रंग गोरा नहीं था।”

मंत्री की इस टिप्पणी पर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने नाराजगी जताते हुए इसे राज्य की शख्सियत का ”अपमान” करार दिया। हालांकि, भाजपा ने मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी ”नस्लवाद” के खिलाफ थी।

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केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय की यात्रा के दौरान यह टिप्पणी की। मंत्री ने छोटी संख्या में मौजूद लोगों के समक्ष कहा कि टैगोर परिवार के अन्य सदस्यों का रंग ”चमकदार पीला गोरा” था। उन्होंने कहा कि टैगोर गोरे थे लेकिन उनकी त्वचा पर लाल रंग की आभा थी।

उन्होंने कहा, ” दो तरह की गोरी त्वचा वाले लोग होते हैं। एक जो पीले रंग की आभा के साथ बहुत गोरे होते हैं और दूसरे जो गोरे होते हैं लेकिन लाल रंग की आभा का प्रभाव होता है। टैगोर दूसरी श्रेणी के थे।”

सुभाष सरकार ने कहा कि टैगोर का रंग अधिक गोरा नहीं होने के कारण उनकी मां और परिवार के कई अन्य सदस्य रवींद्रनाथ को गोद में नहीं लेते थे।

शिक्षाविदों और राजनेताओं ने सरकार की टिप्पणी की निंदा की है।

भाषा शफीक अविनाश

अविनाश


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