जयपुर के विश्वविद्यालय ने ड्रोन-आधारित मेडिकल सेवाओं के लिए समझौता किया
जयपुर के विश्वविद्यालय ने ड्रोन-आधारित मेडिकल सेवाओं के लिए समझौता किया
जयपुर, 16 दिसंबर (भाषा) जयपुर की ‘महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी’ ने ड्रोन-आधारित मेडिकल और सुरक्षा सेवाएं अपनाने की योजना की मंगलवार को घोषणा की।
संस्थान ने इसके लिए ड्रोन बनाने वाली एक कंपनी के साथ भागीदारी की है।
अधिकारियों के अनुसार, इस परिचालन को शुरू करने के लिए ज़रूरी मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। इस पहल का मकसद कैडेवर (मृत शरीर से प्राप्त अंग) को तेजी से ट्रांसपोर्ट करना, लैब नमूनों को तेजी से भेजना, सुरक्षा निगरानी और आपदा राहत कार्यों को और प्रभावी बनाना है।
महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी सुकांत दास और विपणन निदेशक वीरेंद्र पारेख ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी ‘कैडेवर’ को तेजी से कहीं पहुंचाने में खास तौर पर महत्वपूर्ण होगी।
उन्होंने कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी से अंग प्रत्यारोपण की सफलता दर में काफी सुधार होगा। इससे लैब और डायग्नोस्टिक सैंपल के परिवहन में क्रांति आएगी। तापमान-नियंत्रित ड्रोन बॉक्स रक्त, बायोप्सी और अन्य संवेदनशील नमूनों को जांच केंद्र तक जल्दी पहुंचाने में मदद करेंगे।”
भाषा पृथ्वी नोमान
नोमान

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