एसआईआर के आगामी सुनवाई चरण में होंगी कड़ी चुनौतियां : निर्वाचन आयोग के विशेष पर्यवेक्षक

एसआईआर के आगामी सुनवाई चरण में होंगी कड़ी चुनौतियां : निर्वाचन आयोग के विशेष पर्यवेक्षक

एसआईआर के आगामी सुनवाई चरण में होंगी कड़ी चुनौतियां : निर्वाचन आयोग के विशेष पर्यवेक्षक
Modified Date: December 16, 2025 / 05:33 pm IST
Published Date: December 16, 2025 5:33 pm IST

(सौगत मुखोपाध्याय)

कोलकाता, 16 दिसंबर (भाषा) निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त विशेष पर्यवेक्षक सुब्रत गुप्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के आगामी सुनवाई चरण के दौरान कड़ी चुनौतियां होंगी।

उन्होंने कहा कि इस चरण में आने वाली मुश्किलें हाल में समाप्त हुए गणना चरण की तुलना में कहीं अधिक होंगी।

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राजनीतिक रूप से अति संवेदनशील सूची के प्रकाशन से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ विशेष बातचीत में गुप्ता ने कहा कि राज्य में निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) और सहायक ईआरओ (एईआरओ) की कमी के मद्देनजर सुनवाई चरण की चुनौतियां काफी कठिन होने की संभावना है। यह प्रक्रिया अगले 45 दिनों में संपन्न की जानी है। मसौदा मतदाता सूची से ही 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए जाने की संभावना है।

आयोग ने खुलासा किया है कि राज्य में 2025 की मतदाता सूची में मतदाताओं की उपस्थिति के आधार पर जारी किए गए 7.66 करोड़ गणना प्रपत्रों में से 58 लाख से अधिक प्रपत्र नहीं मिले, क्योंकि मतदाता या तो अपने पंजीकृत पते पर अनुपस्थित रहे, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए, मर गए या उनके नाम पर फर्जी प्रविष्टियां थीं।

उन्होंने कहा, ‘हमने जितने भी गणना प्रपत्र एकत्र किए हैं, उनमें से 1.34 करोड़ से अधिक प्रपत्रों में तार्किक विसंगतियां हैं। ये विसंगतियां कुछ मतदाताओं के पिता और माता दोनों के नाम एक जैसे होने से लेकर मतदाताओं और उनके माता-पिता या दादा-दादी की उम्र में असामान्य अंतर तक फैली हुई हैं। ये त्रुटियां वास्तविक हो सकती हैं। ये दुर्भावनापूर्ण भी हो सकती हैं।’

गुप्ता ने कहा कि सुनवाई के दायरे में आने वाले मतदाताओं की सटीक संख्या का अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी। हालांकि निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर यह आंकड़ा दो करोड़ तक पहुंच जाता है तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा।

गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में राज्य में कुल 3,300 ईआरओ और एईआरओ हैं। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया पूरी करने के लिए अगले 45 दिन तक प्रत्येक अधिकारी को प्रतिदिन लगभग 140 आवेदकों की सुनवाई करनी होगी। गुप्ता ने कहा कि निर्वाचन आयोग से अतिरिक्त 2,500-3,000 ईआरओ/एईआरओ उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।

गुप्ता ने कहा, ‘हमने निर्वाचन आयोग से सुनवाई के मामलों में ठोस मार्गदर्शन मांगा है क्योंकि इस प्रक्रिया में व्यक्तियों को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की अनुमति देना या रोकना शामिल है। इसलिए, यह फैसला एकतरफा या व्यक्तिपरक नहीं हो सकता है।’

भाषा आशीष नरेश

नरेश


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