रास में एसआईआर के मुद्दे पर हंगामा, बैठक शुरू होने के पांच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित

रास में एसआईआर के मुद्दे पर हंगामा, बैठक शुरू होने के पांच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित

रास में एसआईआर के मुद्दे पर हंगामा, बैठक शुरू होने के पांच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित
Modified Date: August 18, 2025 / 11:29 am IST
Published Date: August 18, 2025 11:29 am IST

नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के पांच मिनट के भीतर ही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।

हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।

बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने बताया कि उन्हें सदन का नियत कामकाज स्थगित कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए 19 नोटिस मिले हैं।

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उन्होंने बताया कि इनमें से 11 नोटिस में जिन मुद्दों पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन की मांग की गई है वे मुद्दे अदालतों में विचाराधीन हैं अत: उन पर चर्चा नहीं हो सकती।

हरिवंश ने बताया कि अन्य नोटिस नियमों के अनुसार उपयुक्त नहीं पाए गए। उन्होंने बताया कि सभी नोटिस खारिज कर दिए गए हैं। विपक्षी सदस्यों ने नोटिस खारिज किए जाने पर कड़ा विरोध जताया और हंगामा करने लगे।

कुछ सदस्य अपने स्थानों से उठकर आगे भी आ गए।

उपसभापति ने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। उन्होंने भाजपा के दिनेश शर्मा से शून्यकाल के तहत अपना मुद्दा उठाने के लिए कहा। शर्मा ने अपनी बात रखनी शुरू की लेकिन हंगामे के कारण उनकी बात सुनी नहीं जा सकी।

हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘कृपया शून्यकाल चलने दें। यह महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसमें सदस्य अपने-अपने मुद्दे उठाते हैं।’’

अपनी बात का असर न होते देख उपसभापति ने 11 बजकर पांच मिनट पर बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

इससे पहले पूर्व सदस्य ला गणेशन के निधन पर सदन में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। गणेशन का 15 अगस्त को 80 साल की उम्र में निधन हो गया था।

संसद के मानसून सत्र की 21 जुलाई से शुरुआत से ही सदन में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं और उनके हंगामे की वजह से, इस सत्र के दौरान राज्यसभा में एक बार भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया है।

भाषा मनीषा वैभव

वैभव


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