यूपीएससी सर्वोत्तम प्रथाओं के संग्रह के रूप में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा

यूपीएससी सर्वोत्तम प्रथाओं के संग्रह के रूप में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा

यूपीएससी सर्वोत्तम प्रथाओं के संग्रह के रूप में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा
Modified Date: September 3, 2025 / 09:00 pm IST
Published Date: September 3, 2025 9:00 pm IST

नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष अजय कुमार ने बुधवार को कहा कि आयोग ने अपने आगामी शताब्दी वर्ष समारोह के तहत यूपीएससी और विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों (पीएससी) की सर्वोत्तम प्रथाओं के संग्रह के रूप में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है।

उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता केंद्र का विचार मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी), नवाचारों और यूपीएससी एवं राज्य पीएससी से प्राप्त प्रमुख विचारों के ज्ञान केंद्र के रूप में काम करेगा।

कुमार ने कहा कि जहां यूपीएससी उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना में अग्रणी भूमिका निभाएगा, वहीं ज्ञान-साझाकरण और सर्वोत्तम प्रथाओं में राज्य लोक सेवा आयोगों (पीएससी) का सक्रिय योगदान भी महत्वपूर्ण होगा।

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उन्होंने प्रस्तावित उत्कृष्टता केंद्र के लिए सभी लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों से इनपुट और सुझाव भी आमंत्रित किए। कुमार ने कहा कि उत्कृष्टता केंद्र से न केवल यूपीएससी और राज्य लोक सेवा आयोगों को लाभ होगा, बल्कि अन्य राष्ट्रीय भर्ती निकायों को भी अपनी परीक्षा और चयन प्रक्रियाओं को मजबूत करने में सहायता मिलेगी।

नयी पहल की घोषणा उन्होंने यूपीएससी सदस्यों दिनेश दास और अनुराधा प्रसाद की उपस्थिति में राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए की।

यह बैठक एक अक्टूबर, 2025 से एक अक्टूबर, 2026 तक यूपीएससी के शताब्दी वर्ष समारोह के लिए राज्य लोक सेवा आयोगों की भागीदारी और सहयोग प्राप्त करने के संबंध में ‘वीडियो कॉन्फ्रेंस’ के माध्यम से आयोजित की गई।

कुशल, निष्पक्ष और दक्ष नौकरशाहों की भर्ती के साझा दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए उन्होंने भारत की भर्ती प्रणाली के विशिष्ट मजबूत स्वरूप को याद किया, जिसके तहत यूपीएससी और राज्य पीएससी दोनों के माध्यम से देश की सेवा करने के लिए दशकों से लाखों प्रतिभाशाली युवाओं का चयन किया जाता है।

कुमार ने प्रतिभागियों को यह भी याद दिलाया कि यूपीएससी की स्थापना एक अक्टूबर, 1926 को हुई थी और शताब्दी समारोह अतीत पर चिंतन करने, वर्तमान का जश्न मनाने और सार्वजनिक सेवा भर्ती के भविष्य की कल्पना करने का अवसर प्रदान करता है।

बैठक के दौरान, यूपीएससी अध्यक्ष ने ‘प्रतिभा सेतु’ पोर्टल की सफलता का भी जिक्र किया, जिसके माध्यम से साक्षात्कार चरण तक पहुंचने वाले लेकिन अंतिम सूची में जगह नहीं बना पाने वाले उम्मीदवारों को अर्द्ध-सरकारी, अर्द्ध-न्यायिक और निजी संगठनों में भर्ती के अवसर दिए गए- जो प्रतिभा के व्यापक उपयोग के लिए यूपीएससी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बैठक में 27 राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों ने भाग लिया।

भाषा आशीष देवेंद्र

देवेंद्र


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