उर्दू शिक्षक ने अधिकारियों से आश्वासन के बाद दांडी के लिए यात्रा समाप्त की

उर्दू शिक्षक ने अधिकारियों से आश्वासन के बाद दांडी के लिए यात्रा समाप्त की

उर्दू शिक्षक ने अधिकारियों से आश्वासन के बाद दांडी के लिए यात्रा समाप्त की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:11 pm IST
Published Date: November 23, 2020 12:54 pm IST

जयपुर, 23 नवंबर (भाषा) राजस्थान में उर्दू शिक्षा और मदरसा शिक्षकों के प्रति कथित सरकारी लापरवाही से नाराज होकर एक सरकारी उर्दू शिक्षक ने चूरू से गुजरात के दांडी तक के लिए पैदल यात्रा शुरू की थी जिसे उसने सरकारी अधिकारियों के आश्वासन के बाद रविवार को उदयपुर में समाप्त कर दिया।

सरकारी स्कूल सेहुसर में उर्दू शिक्षक ठाकुर शमशेर भालू खान ने एक नवंबर को चूरू जिला मुख्यालय से कुछ अन्य लोगों के साथ दांडी यात्रा शुरू की थी।

गुजरात में प्रवेश करने से पहले राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानू खान बुधवाली ने रविवार को उदयपुर में सरकारी अधिकारियों के साथ एक बैठक की जिसके बाद शमशेर ने अपनी यात्रा समाप्त कर दी।

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शमशेर खान ने सोमवार को बताया, ‘‘मेरी नौ मांगों में संविदा पर काम कर रहे मदरसा शिक्षकों को नियमित करने, स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती, अल्पसंख्यकों के लिये प्रधानमंत्री के 15-सूत्रीय कार्यक्रम को लागू करना आदि शामिल हैं।’’ खान ने कहा कि राज्य में लगभग 6,000 मदरसा अध्यापक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘रविवार को उदयपुर में हुई बैठक के बाद मैंने अपनी यात्रा समाप्त कर दी।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें सरकारी अधिकारियों से आश्वासन मिला है कि राज्य सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी। ‘‘अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन खत्म कर दिया और अब मैं शिक्षा मंत्री के साथ बैठक का इंतजार कर रहा हूं।’’

शमशेर खान पूर्व कांग्रेस विधायक भालु खान के पुत्र हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 40 लोगों के साथ पैदल मार्च शुरू किया था और उन्हें अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो और संगठनों का समर्थन प्राप्त हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने गांधीवाद के रास्ते पर चलने के लिए दांडी तक पैदल मार्च करने का फैसला किया।’’

भाषा संदीप कुंज अर्पणा

अर्पणा


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