उत्तर प्रदेश: न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के प्रस्तावित स्थानांतरण के विरोध में वकील करेंगे हड़ताल

उत्तर प्रदेश: न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के प्रस्तावित स्थानांतरण के विरोध में वकील करेंगे हड़ताल

उत्तर प्रदेश: न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के प्रस्तावित स्थानांतरण के विरोध में वकील करेंगे हड़ताल
Modified Date: March 24, 2025 / 08:30 pm IST
Published Date: March 24, 2025 8:30 pm IST

प्रयागराज, 24 मार्च (भाषा) इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का दिल्ली उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय प्रस्तावित स्थानांतरण का सोमवार को फिर से विरोध करते हुए मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अधिवक्ता मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। अधिवक्ता न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरण के खिलाफ हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस संबंध में लखनऊ में बार एसोसिएशन को प्रस्ताव भेज रहे हैं।’’

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उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का स्थानांतरण करने के अपने निर्णय की पुष्टि की। इस लिहाज से यह हड़ताल मायने रखती है। न्यायमूर्ति वर्मा अपने आधिकारिक आवास से भारी मात्रा में नकदी की कथित बरामदगी को लेकर जांच का सामना कर रहे हैं और उनसे न्यायिक कार्य वापस ले लिया गया है।

इससे पूर्व, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद ने प्रधान न्यायाधीश से सरकार से न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश करने की मांग की।

सोमवार को यहां हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की आम सभा में पारित प्रस्तावों की जानकारी मीडिया को देते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया कि बार एसोसिएशन की मांग है कि प्रधान न्यायाधीश को न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही के लिए सरकार से तत्काल सिफारिश करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि बार एसोसिएशन, न्यायमूर्ति वर्मा का इलाहाबाद उच्च न्यायालय या इसकी लखनऊ पीठ या किसी अन्य उच्च न्यायालय के लिए स्थानांतरण के किसी भी प्रस्ताव के खिलाफ है।

तिवारी ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश को न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और सीबीआई, ईडी और अन्य जांच एजेंसियों द्वारा जांच की तत्काल अनुमति देनी चाहिए और साथ ही जरूरत पड़ने पर न्यायमूर्ति वर्मा को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि बैठक में यह प्रस्ताव भी पारित हुआ कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति वर्मा द्वारा दिए गए सभी निर्णयों की समीक्षा की जाए ताकि न्यायिक व्यवस्था में आम लोगों का विश्वास बहाल हो।

भाषा राजेंद्र आशीष

आशीष


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