उत्तराखंड: कांग्रेस ने स्मार्ट प्रीपेड विद्युत मीटर के मुद्दे पर विधानसभा में सरकार को घेरा

उत्तराखंड: कांग्रेस ने स्मार्ट प्रीपेड विद्युत मीटर के मुद्दे पर विधानसभा में सरकार को घेरा

उत्तराखंड: कांग्रेस ने स्मार्ट प्रीपेड विद्युत मीटर के मुद्दे पर विधानसभा में सरकार को घेरा
Modified Date: February 19, 2025 / 10:39 pm IST
Published Date: February 19, 2025 10:39 pm IST

देहरादून, 19 फरवरी (भाषा) मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने बुधवार को राज्य विधानसभा में प्रदेश में लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा और बाद में सदन से बहिगर्मन कर दिया।

विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि अदाणी समूह जैसे व्यवसायिक घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश के आम उपभोक्ताओं पर स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर थोपे जाने की साजिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि इस योजना से निजी कंपनियां 2027 करोड़ रुपये वसूल करेंगी ।

 ⁠

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार राज्य पर इन मीटरों को लगाने का यह कहते हुए दवाब बना रही है कि अगर ये मीटर नहीं लगाए गए तो प्रदेश में जारी बिजली संबंधी विकास परियोजनाओं को रोक दिया जाएगा।

आर्य ने कहा कि वैसे भी ये प्रीपेड मीटर मोबाइल ऐप के जरिए रिचार्ज होंगे और अगर इंटरनेट या अन्य वजह से कोई इसे समय पर रिचार्ज नहीं करवा पाया उसके घर की बिजली चली जाएगी ।

उन्होंने इस योजना को ‘जनविरोध, दुखद और गंभीर’ बताते हुए राज्य सरकार से इसे वापस लेने की मांग की ।

प्रदेश में इस मामले का सबसे पहले विरोध करने वाले उधमसिंह नगर के किच्छा से विधायक तिलकराज बेहड़ ने कहा कि प्रदेश के कुमांउ क्षेत्र में अदाणी समूह और गढ़वाल क्षेत्र में भ्रष्टाचार की आरोपों में लिप्त जीनस कंपनी को प्रीपेड मीटर लगाने का काम दिया गया है जो आम उपभोक्ताओं का उत्पीड़न कर रहे हैं ।

बाद में अपने जवाब में संसदीय कार्यमंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत देश के सभी राज्यों में ये स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाए जा रहे है ।

उन्होंने दावा किया कि उपभोक्ताओं को इससे कोई परेशानी नहीं होगी और उन पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां अभी इंटरनेट सुविधा नहीं है, वहां ये मीटर नहीं लगाए जाएंगे।

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी जीनस कंपनी को प्रीपेड मीटर लगाने का काम देने के आरोप का जवाब देते हुए अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में उन्हें यह आर्डर उन पर प्रवर्तन निदेशालय के छापे पड़ने के छह माह पूर्व ही दिया जा चुका था ।

मंत्री ने कहा कि इस योजना में राज्य का कोई धन नहीं लग रहा है और इसके लिए केंद्र सरकार अनुदान दे रही है ।

हांलांकि, अग्रवाल के जवाब पर असंतोष व्यक्त करते हुए कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।

भाषा दीप्ति जोहेब

जोहेब


लेखक के बारे में