उत्तराखंड : भूस्खलन के बाद पांच लोगों की मौत, बारिश के अलर्ट के मद्देनजर अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह |

उत्तराखंड : भूस्खलन के बाद पांच लोगों की मौत, बारिश के अलर्ट के मद्देनजर अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह

उत्तराखंड : भूस्खलन के बाद पांच लोगों की मौत, बारिश के अलर्ट के मद्देनजर अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह

:   Modified Date:  August 11, 2023 / 09:59 PM IST, Published Date : August 11, 2023/9:59 pm IST

देहरादून, 11 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भूस्खलन के मलबे के नीचे दबकर गुजरात के तीन श्रद्धालुओं समेत पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं, मौसम विभाग के राज्य के छह जिलों में अगले कुछ दिन भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को लोगों, खासकर पर्यटकों को इस दौरान अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी।

धामी ने बारिश से प्रभावित कोटद्वार क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों को आपदाग्रस्त क्षेत्र में जल्द संपर्क बहाल करने के निर्देश दिए।

रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फाटा क्षेत्र के तरसाली में भूस्खलन के मलबे के नीचे दबी एक कार में सवार पांच लोगों की मौत हो गई।

पुलिस के मुताबिक, मरने वालों में गुजरात के तीन श्रद्धालु और हरिद्वार का एक निवासी शामिल है, जबकि पांचवें शख्स की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।

उसने बताया कि राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीम ने बृहस्पतिवार रात भूस्खलन के मलबे में एक कार के दबे होने की सूचना मिलने पर बचाव एवं राहत अभियान चलाया।

हालांकि, बारिश के कारण अभियान चलाने में दिक्कतें आईं। शुक्रवार सुबह बारिश रुकने के बाद बोल्डर को हटाए जाने पर मलबे में दबी कार के अंदर से पांच शवों को निकाला गया।

पुलिस के अनुसार, फाटा से सोनप्रयाग की तरफ जा रही कार पहाड़ से हुए भूस्खलन की चपेट में आ गई।

उधर, मुख्यमंत्री ने पौड़ी जिले के कोटद्वार के आपदाग्रस्त क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों को आपदाग्रस्त क्षेत्र में बाधित हुए सड़क संपर्क को युद्धस्तर पर बहाल करने तथा प्रभावितों को जरूरी सुविधाएं प्रदान करने के निर्देश दिए। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष और स्थानीय विधायक रितु खंडूरी भी उनके साथ मौजूद रहीं।

मुख्यमंत्री ने गाड़ीघाटी में क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण करते हुए पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान को इसकी जल्द मरम्मत करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कोटद्वार और भाबर को जोड़ने वाले मालन नदी पर बने वैकल्पिक पुल का भी निरीक्षण किया।

संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का पहला प्रयास राज्य में मानसूनी बरसात से अस्त व्यस्त हुई चीजों को सामान्य करना और आपदा प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता एवं राहत प्रदान करना है।

उन्होंने कहा कि इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में आपदा से हुई क्षति का आकलन किया जाएगा और व्यवस्थाओं में कमी को सुधारा जाएगा।

मौसम विभाग ने प्रदेश के छह जिलों में शुक्रवार के लिए बारिश का ‘ऑरेंज’ अलर्ट और अगले तीन दिनों के लिए ‘रेड’ अलर्ट जारी किया है, जिसके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने पर्यटकों समेत सभी लोगों को इस दौरान अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।

मुख्यमंत्री ने एक टवीट में कहा, ”मौसम विभाग द्वारा प्रदेश के कई जिलों में ‘रेड’ एवं ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया गया है। आप सभी प्रदेशवासियों एवं पर्यटकों से अनुरोध है कि इस अवधि में अनावश्यक यात्रा से बचें।”

धामी ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन एवं एसडीआरएफ को 24 घंटे अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं और वह खुद भी संबंधित अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर प्रत्येक परिस्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

देहरादून मौसम केंद्र के पूर्वानुमान में टिहरी, देहरादून, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल, उधमसिंह नगर जिले में शुक्रवार के लिए बारिश का ‘आरेंज’ अलर्ट और अगले तीन दिन यानी 12 से 14 अगस्त तक के लिए ‘रेड’ अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम केंद्र ने इस दौरान कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश और बादलों की गर्जन के साथ वर्षा के तीव्र से अति तीव्र दौर की चेतावनी जारी करते हुए प्रशासन से पर्याप्त सावधानी बरतने को कहा है।

लगातार बारिश के कारण प्रदेश में आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इस साल अतिवृष्टि के कारण प्रदेश में भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, इस मानसून के दौरान विभिन्न घटनाओं में अब तक 58 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 37 लोग घायल हुए हैं, जबकि 19 अन्य लापता हैं।

इसके अलावा, पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त 33 मकानों सहित 1,167 मकानों को नुकसान पहुंचा है और बड़ी मात्रा में कृषि भूमि भी बह गई है। प्रदेश में बारिश के कारण सड़कों और पुलों को भी खासा नुकसान पहुंचा है।

भाषा

दीप्ति दीप्ति पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)