Ramayan and Geeta in School Syllabus: अब सरकारी स्कूलों में गूंजेंगे भगवद गीता और रामायण के श्लोक.. राज्य की BJP सरकार ने दिए सिलेबस में शामिल करने के आदेश

इससे पहले 15 जुलाई को, एनसीईआरटी ने वीणा नामक एक नई पाठ्यपुस्तक जारी की थी जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप विकसित किया गया है। इस किताबी का मकसद छात्रों को भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों के साथ-साथ इसकी सभ्यतागत विरासत से जोड़ना है।

Ramayan and Geeta in School Syllabus: अब सरकारी स्कूलों में गूंजेंगे भगवद गीता और रामायण के श्लोक.. राज्य की BJP सरकार ने दिए सिलेबस में शामिल करने के आदेश

Ramayan and Geeta Included in School Syllabus || Image- IBC24 News File

Modified Date: July 16, 2025 / 10:16 am IST
Published Date: July 16, 2025 10:14 am IST
HIGHLIGHTS
  • उत्तराखंड के स्कूलों में रामायण-गीता पाठ्यक्रम में शामिल।
  • छात्रों से प्रार्थना सत्र में श्लोक पाठ करवाया जाएगा।
  • नई एनसीईआरटी पुस्तक 'वीणा' भी जारी की गई।

Ramayan and Geeta Included in School Syllabus: देहरादून: उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बुधवार को बताया कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से 17,000 सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में भगवद गीता और रामायण को शामिल करने का निर्देश जारी किया है।

READ ALSO: CG Weather Update Today: प्रदेश में फिर शुरू हुई बारिश, इन इलाकों में जमकर बरसेंगे बदरा, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट 

रावत ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि, “मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा विभाग की बैठक में हमने एनसीईआरटी को उत्तराखंड के 17,000 सरकारी स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम में भगवद गीता और रामायण को शामिल करने का काम सौंपा है।” उन्होंने आगे बताया कि जब तक नया पाठ्यक्रम लागू नहीं हो जाता, तब तक छात्र दैनिक प्रार्थना सत्र के दौरान इन ग्रंथों से श्लोकों का पाठ करेंगे।

 ⁠

READ MORE: Rape With Student In Bengaluru: छात्रा के साथ दुष्कर्म करने वाले दो व्याख्यता और सहयोगी को पुलिस ने किय गिरफ्तार, वीडियो बनाकर कर रहे थे ब्लैकमेल

Ramayan and Geeta Included in School Syllabus: इससे पहले 15 जुलाई को, एनसीईआरटी ने वीणा नामक एक नई पाठ्यपुस्तक जारी की थी जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप विकसित किया गया है। इस किताबी का मकसद छात्रों को भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों के साथ-साथ इसकी सभ्यतागत विरासत से जोड़ना है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown